किंजल वर्तमान में सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) कर रही हैं. उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई के साथ-साथ सीए परीक्षा की तैयारी की. किंजल के मुताबिक ग्रेजुएशन के साथ-साथ सीए की पढ़ाई करना कठिन नहीं है.
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नई दिल्ली. आईसीएआई की तरफ सीए इंटरमीडिएट का रिजल्ट शनिवार को जारी किया गया. इस परीक्षा में कोलकाता की रहने वाली किंजल अजमेरा ने टॉप किया है. किंजल को ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक मिली है. उन्होंने इस परीक्षा में कुल 86.25 प्रतिशत अंक हासिल किया है. किंजल के पिता भी चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं.
पिता से मिलती है प्रेरणा
सीए इंटरमीडिएट की परीक्षा में फर्स्ट रैंक लाने वाली किंजल से जब सफलता को लेकर बात की गई तो, उन्होंने कहा कि आज वो जो कुछ भी हैं, पिता की बदौलत हैं. पिता की बातें उन्हें प्रेरित करती हैं.
किंजल के मुताबिक “बड़े होने के दौरान, मैंने अपने पिता और उनके पेशे के प्रति उनके जुनून को आदर्श बनाया. बहुत कम उम्र में, मैंने उनके नक्शेकदम पर चलने और चार्टर्ड अकाउंटेंसी में करियर बनाने का फैसला लिया,” यही कारण है कि उन्हें जल्दी सफलता मिल गई.
सेंट जेवियर्स कॉलेज से कर रही हैं पढ़ाई
किंजल वर्तमान में सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता से बैचलर ऑफ कॉमर्स (बीकॉम) कर रही हैं. उन्होंने स्नातक स्तर की पढ़ाई के साथ-साथ सीए परीक्षा की तैयारी की. किंजल के मुताबिक ग्रेजुएशन के साथ-साथ सीए की पढ़ाई करना कठिन नहीं है.
तैयारी के टिप्स
किंजल के मुताबिक सीए की तैयारी के लिए उन्होंने लगातार पढ़ाई की. सीए की तैयारी वह सुबह करती थी. जबकि कॉलेज की क्लासेज वह शाम में अटेंड करती थीं. सीए के पूरे सिलेबस को कवर किया जा सके, इसलिए वह हर दिन 6 से 7 घंटे पढ़ाई करती थीं.
सीए परीक्षा के सभी चरणों को उत्तीर्ण करने में सफल होने के बाद, किंजल अपने क्षेत्र में अनुभव हासिल करने के लिए कॉर्पोरेट जगत में काम करना चाहती हैं और बाद में अपने पिता की कंसल्टेंसी फर्म में काम करने की इच्छुक हैं.
किंजल के मुताबिक सीए एग्जाम में सफलता पाने के लिए हर दिन पढ़ाई करना जरूरी है. इसलिए सिलेबस को बांटकर हर दिन पढ़ाई करना चाहिए. क्योंकि अंतिम समय में तैयारी नहीं हो पाती है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक सीए इंटर एग्जाम की तैयारी करने वाले छात्रों को आईसीएआई की ऑफिशियल वेबसाइट पर जारी सिलेबस के अनुसार तैयारी करना चाहिए. इसके अलावा छात्रों को कोशिश करना चाहिए कि वो एक टॉपिक पर ज्यादा से बुक पढ़ने के बजाय नियमित अंतराल में सिलेबस का रिविजन करें.
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