CA की परीक्षा में हुए फेल, छोड़ा IAS बनने का सपना, लेकिन आज चाय बेचकर कमाते हैं सालाना 150 करोड़ रुपये
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CA की परीक्षा में हुए फेल, छोड़ा IAS बनने का सपना, लेकिन आज चाय बेचकर कमाते हैं सालाना 150 करोड़ रुपये

Anubhav Dubey Success Story: अनुभव दुबे और उनके दोस्त आनंद नायक ने मिलकर अपना पहला आउटलेट गर्ल्स हॉस्टल के सामने खोला था.

CA की परीक्षा में हुए फेल, छोड़ा IAS बनने का सपना, लेकिन आज चाय बेचकर कमाते हैं सालाना 150 करोड़ रुपये

Anubhav Dubey Success Story: चाय निस्संदेह भारत में सबसे लोकप्रिय पेय पदार्थों में से एक है. वहीं, चाय से जुड़ी कई सफलता की कहानियां भी हैं. ऐसी ही एक सफलता की कहानी दो दोस्तों अनुभव दुबे और आनंद की है, जिन्होंने 23 साल की छोटी सी उम्र में 150 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली कंपनी खड़ी करने में कामयाबी हासिल की.

अनुभव दुबे और आनंद नायक बचपन के दोस्त थे और मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले थे. अनुभव के पिता एक बिजनेसमैन थे, लेकिन वे नहीं चाहते थे कि उनका बेटा उनके बिजनेस का हिस्सा बने. बल्कि वह चाहते थे कि वह एक आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) बने. इसलिए उन्होंने अनुभव को यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेज दिया. चार्टेड अकाउंटेंट (Chartered Accountant) की परीक्षा में फेल होने के बाद अनुभव दुबे ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की लेकिन उन्हें इस बात का अहसास हो गया था कि वह नौकरी के लिए नहीं बल्कि बिजनेस के लिए बने हैं. आज अनुभव दुबे करोड़ों की कंपनी "चाय सुट्टा बार" (Chai Sutta Bar) के को-फाउंडर हैं.

साल 2016 में, अनुभव दुबे ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी छोड़ने और एक बिजनेस सेटअप करने का फैसला किया. उन्होंने अपने बचपन के दोस्त आनंद नायक (Anand Nayak) के साथ इस आइडिया पर चर्चा की, लेकिन दोनों के पास बिजनेस ओपन करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे. हालांकि, दोनों ने किसी तरह 3 लाख रुपये की व्यवस्था की और फिर उन्होंने अपना चाय का बिजनेस शुरू करने का फैसला किया. अनुभव दुबे ने गर्ल्स हॉस्टल (Girls Hostel) के सामने अपनी पहली चाय की दुकान खोली.

चूंकि अनुभव दुबे बेहद कम बजट पर काम कर रहे थे, उन्हें और आनंद को एहसास हुआ कि उनके पास मार्केटिंग, इंटीरियर डिजाइन और ब्रांडिंग जैसी चीजों के लिए पैसे नहीं हैं. हालांकि, वे इंदौर में एक होस्टल से सटे अपने पहले आउटलेट को डिजाइन और सेटअप करने में सक्षम थे. इसके लिए उन्होंने अपने दोस्तों से पुराने फर्नीचर उधार पर ले लिए. बैनर छापने के लिए पैसे नहीं होने के कारण, उन्होंने लकड़ी का एक बेकार टुकड़ा उठाया और हाथ से ही "चाय सुट्टा बार" नाम लिख दिया. बता दें कि "चाय सुट्टा बार" नाम और इसकी थीम युवाओं को खूब भा रही थी.

आज अनुभव और आनंद ने देश के 195 शहरों में चाय सुट्टा बार के 400 से ज्यादा आउटलेट खोले हैं. दुबई, यूके, कनाडा और ओमान जैसे देशों समेत विदेशों में भी चाय सुट्टा बार पहुंच चुका है. चाय सुट्टा बार का सालाना टर्नओवर करीब 150 करोड़ रुपये का है. एक अनुमान के मुताबिक अनुभव दुबे की कुल संपत्ति करीब 10 करोड़ रुपए है.

इसके अलावा बता दें कि चाय सुट्टा बार 250 कुम्हार परिवारों के लिए बिजनेस के अवसर भी पैदा करता है, जो चाय सुट्टा बार के लिए मिट्टी के प्याले या कुल्हड़ बनाते हैं. अनुभव की टीम में आज 150 से अधिक लोग काम करते हैं, जिनमें कई एमबीए और इंजीनियर भी शामिल हैं.

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