Nithari Kand का मुख्य आरोपी पंढेर 17 साल पहले मूंछ पर ताव देकर आया था, अब जेल से यूं बेबस होकर निकला
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Nithari Kand का मुख्य आरोपी पंढेर 17 साल पहले मूंछ पर ताव देकर आया था, अब जेल से यूं बेबस होकर निकला

Nithari serial killings case: साल 2006 के निठारी कांड में 17 साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट से बरी होने के बाद फाइनली शुक्रवार को मोनिंदर सिंह पंढेर जेल से रिहा हो गया.

Nithari Kand का मुख्य आरोपी पंढेर 17 साल पहले मूंछ पर ताव देकर आया था, अब जेल से यूं बेबस होकर निकला

Moninder Singh Pandher Nithari case: समय बड़ा बलवान होता है. अच्छे अच्छों दबंगों की हेकड़ी निकाल देता है. ये बात नोएडा के दिल दहला देने वाले निठारी कांड के मुख्य आरोपी मोनिंदर सिहं पंढेर पर भी लागू होती है. जो सबूतों के अभाव और सही तरह से मामले की पैरवी न होने की वजह से जेल से रिहा हो गया हो, लेकिन जब वो जेल से बाहर निकला तो उसकी हालत किसी दीन-हीन याचक जैसी थी. ऐसा लग रहा था कि वो इस मामले से किसी तरह जान छूटने के बाद आखिरकार 17 साल बाद अपने सपनों के महल की ओर रवाना हुआ, जहां उसका राज चलता था.

आया था मूछ पर ताव देकर गया हाथ जोड़कर

2006 के दिसंबर में जब निठारी कांड का खुलासा हुआ तब गौतम बुद्ध नगर यानी नोएडा के निठारी इलाके की D-5 कोठी देश की सबसे चर्चित इमारत बन गई थी. मीडिया के लिए हॉटस्पॉट बनी इस कोठी के बगल से बहने वाले नाले में एक के बाद एक करीब डेढ़ दर्जन बच्चों और युवतियों के अवशेष और खून से लथपथ कपड़े व अन्य सामान बरामद हुआ था. निठारी मामले में कुल 19 केस दर्ज हुए थे. इसमें 3 मामलों में पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी. 16 केस में CBI कोर्ट गाजियाबाद का फैसला आ चुका था. 13 मुकदमों में सुरेंद्र कोली को सजा ए मौत और तीन में बरी किया गया था. 

पंढेर को 2 केस में फांसी, एक मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही 4 मुकदमों में बरी किया गया था. इसके बाद फांसी की सजा के खिलाफ दोनों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. इसका फैसला न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र और न्यायमूर्ति एस. एच. ए. रिजवी की खंडपीठ ने बीते सोमवार को सुनाया. जिसके बाद मोनिंदर सिंह पंढेर को आखिरकार रिहा कर दिया गया.

पंढेर का दूसरा परवाना आज सुबह गौतमबुद्ध नगर जिला जेल पहुंचा. दोपहर करीब 1.40 बजे पंढेर की जेल से रिहाई हुई. इस दौरान जेल के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे.

जेल से रिहाई के बाद का सीन

जेल से बाहर आने के दौरान वो कुर्ता पैजामा पहने था. उसने चेहरे पर मास्क लगा था. उसके साथ एक परिजन भी था, जिसने उसका थैला हाथ में ले रखा था. वहीं साथ में कुछ वकील मौजूद थे. जेल के गेट से बाहर आने के बाद मीडिया ने पंढेर के आगे सवालों की झड़ी लगा दी. लेकिन उनसे किसी सवाल का कोई जवाब नहीं दिया. वो आगे बढ़ा फिर गाड़ी में बैठा और उसने अपने हाथ जोड़ लिए. इस तरह वो वकीलों के साथ गाड़ी में बैठकर रवाना हो गया. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नोएडा से अपने होमटाउन चंडीगढ़ निकला है.

 

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