Mafia Atiq dogs: अतीक के कुत्तों का भी हुआ करता था रौला, सीएम ने मिलाया था हाथ, अब ऐसा है हाल
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Mafia Atiq dogs: अतीक के कुत्तों का भी हुआ करता था रौला, सीएम ने मिलाया था हाथ, अब ऐसा है हाल

Mafia Atiq dogs: अतीक अहमद तब जिंदा था.. और एक वक्त था जब माफिया के कुत्ते भी मुख्यमंत्री से हाथ मिलाते थे. अब इन कुत्तों का जीवन भी बदहाली में बीत रहा है.

Mafia Atiq dogs: अतीक के कुत्तों का भी हुआ करता था रौला, सीएम ने मिलाया था हाथ, अब ऐसा है हाल

Mafia Atiq Dogs Latest Update: अपराध की दुनिया में कदम रख शान-ओ-शौकत की लालसा रखने वाले दुर्दांतों का अंत बेहद बुरा होता है. आज के दौर में इस कड़वी हकीकत से कोई भी अंजान नहीं है. उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन अतीक अहमद का हश्र किसी से छिपा नहीं है. अपने जीवनकाल में अतीक ने अपराध की सारी हदें पार कर दीं. उसके आतंक का आलम यह था कि कोई भी माफिया के खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं होता था. किसी ने गवाही का दम भरा भी तो उसका दम ही निकल गया. खैर, अब न अतीक है न उसका आतंक. लेकिन उससे जुड़े इंसानों के साथ-साथ जानवर भी आज बदहाली की मार झेल रहे हैं. आज हम आपको अतीक अहमद के कुत्तों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे जुड़ी हकीकत चौंकाने वाली है.

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अतीक जिंदा था.. और एक वक्त था जब माफिया के कुत्ते भी मुख्यमंत्री से हाथ मिलाते थे. सोशल मीडिया पर एक तस्वीर इन दिनों तेजी से वायरल हो रही है. इसमें आप अतीक अहमद, उसके कुत्ते और सूबे के लोकप्रिय मुख्यमंत्री रहे दिवंगत मुलायम सिंह यादव को एक फ्रेम में देख सकते हैं. इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस वक्त अतीक अहमद का ओहदा क्या रहा होगा.

अतीक के जीते-जी उसके कुत्ते भी मौज में थे. इन कुत्तों का ख्याल रखने वाले भी कई थे. लेकिन जब अतीक के बुरे दिन शुरू हुए तो इन बेजुबान जानवरों के सिर से भी मालिक का हाथ उठ गया. अतीक के गुजरात से उत्तर प्रदेश, पेशी के लिए आने के दिनों की बात है.. सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए थे जिनमें माफिया के कुत्तों का बुरा हाल दिखाया गया था. कुछ रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया था कि कुत्ते खाने को मोहताज हो गए थे.

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मार्च महीने में भूख-प्यास से तड़पकर अतीक के एक कुत्ते की मौत हो गई थी. यह ग्रेट डेन नस्ल की फीमेल डॉग ब्रूनो थी. बता दें कि अतीक अहमद के पास विदेशी नस्ल के 5 कुत्ते थे. ब्रूनो के मरने के बाद यह संख्या घटकर चार हो गई थी. इन चार कुत्तों की रखवाली के लिए भी कोई नहीं था. पुलिसिया कार्रवाई की डर से इन कुत्तों को पड़ोस के लोग भी खाना पानी देने से डरते थे.

अतीक के मारे जाने के बाद भी कुत्तों की रखवाली के लिए कोई नहीं था. इन कुत्तों को आस-पड़ोस के लोगों द्वारा जो मिल जाता.. उसी पर गुजारा करना पड़ता था. सही रखवाली नहीं होने की वजह से कुछ ही दिनों में दूसरे कुत्ते की भी जान चली गई. इस तरफ जब प्रशासन की नजर गई तो जिंदा बचे तीन कुत्तों को नया रखवाला मिल सका.
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अधिकारियों के अनुसार, हालांकि कुत्तों को घर के मुख्य द्वार पर एक बाड़े में रखा गया था और उनके भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी, लेकिन परिवार ने इन पालतू जानवरों को रखने के लिए कोई लाइसेंस नहीं लिया था. नगर निगम ने कदम उठाया और तीन कुत्तों को एक एनजीओ 'रक्षा' द्वारा गोद ले लिया गया. बाद में, एक पालतू जानवर को एक पड़ोसी ने गोद ले लिया जो अब उसकी देखभाल कर रहा है. जबकि अन्य दो को दरियाबाद इलाके में एक अन्य व्यक्ति को सौंप दिया गया है.

बताते चलें कि अतीक के घोड़े और मवेशी भी गायब हो गए हैं. चकिया के स्थानीय लोगों ने कहा कि अतीक अहमद और उसके परिवार को घोड़ों का शौक था और उनके बेटों को अक्सर घोड़ों की सवारी करते देखा जाता था. उन्होंने बताया कि अतीक के पास अच्छी नस्ल के कम से कम दो घोड़े थे. घोड़ों को चकिया स्थित अतीक के पैतृक घर के अस्तबल में रखा गया था, जबकि मवेशियों को अतीक के कार्यालय के आश्रय स्थल में रखा गया था. अब स्थानीय लोगों को माफिया के घोड़ों.. मवेशियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

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