Shah Rukh Khan: सितारों की भी मजबूरी होती है. कम से कम करियर के शुरुआती दौर में जरूर अक्सर होता है, जब कोई सिर्फ पैसों की खातिर काम करता है. शाहरुख खान ने भी किया. अपनी फिल्म गुड्डू के बारे में शाहरुख का कहना था कि प्रोड्यूसर ने उन्हें तब मार्केट प्राइस से ज्यादा रकम दी थी और उन्हें इस धन की जरूरत थी. जानिए क्या है पूरा मामल...
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Shah Rukh Khan Films: 1995 में आई गुड्डू को शाहरुख खान की कमजोर फिल्मों में गिना जाता है. भले ही फिल्म ने अपने बजट का डबल प्रोड्यूसर को कमा कर दिया हो, लेकिन खुद शाहरुख को इस फिल्म में भरोसा नहीं था. कभी गुरु दत्त जैसे मेकर का राइट हेंड कहे जाने वाले अबरार अल्वी ने फिल्म को लिखा तथा प्रेम लालवानी ने डायरेक्ट किया था. प्रेम लालवानी ही फिल्म के प्रोड्यूसर भी थे. शाहरुख खान के साथ मनीषा कोईराला, दीप्ति नवल, मुकेश खन्ना तथा मेहमूद की फिल्म में मुख्य भूमिकाएं थी. फिल्म का म्यूजिक नौशाद ने कंपोज किया था. नौशाद ने इस फिल्म में आखिरी बार संगीत दिया था.
आंखों ही आंखों में
फिल्म में गुड्डू (शाहरुख खान) एक अमीर वकील पिता विक्रम (मुकेश खन्ना) की संतान है. गुड्डू के पिता की भगवान में आस्था नहीं है जबकि गुड्डू की मां (दीप्ति नवल) एक धार्मिक प्रवृत्ति की महिला है. गुड्डू के जन्म के समय एक पंडित ने कहा था कि गुड्डू की अल्पायु होगी इसलिए गुड्डू की मां हमेशा इसी डर में जीती है कि गुड्डू को कुछ हो न जाए. गुड्डू सलीना (मनीषा कोइराला) से प्यार करता है. एक दिन गाड़ी चलाते समय गुड्डू और सलीना का एक्सीडेंट हो जाता है और सलीना की आंखों की रोशनी चली जाती है. वहीं दूसरी ओर गुड्डू को इस बात का पता चलता है कि उसे ब्रेन ट्यूमर है और वह कुछ दिन का ही मेहमान है. गुड्डू चाहता है कि उसके बाद उसकी आंखें सलीना के काम आ जाए. लेकिन क्या सही में पंडित की बात सही साबित होती है? क्या सच में गुड्डू को अल्पायु मिलती है? यही फिल्म की कहानी थी.
पैसा बोलता है
शाहरुख खान ने इस फिल्म को लेकर बाद में स्टेटमेंट दिया था कि उन्होंने यह फिल्म सिर्फ पैसों के लिए साइन की. उन्हें इस फिल्म की कहानी बिल्कुल पसंद नहीं आई थी. प्रेम लालवानी ने शाहरुख को फिल्म की कहानी रोते-रोते सुनाई थी. उन्होंने शाहरुख से कहा था कि यह कहानी उनका अपना व्यक्तिगत अनुभव है. लालवानी चाहते थे कि सिर्फ शाहरुख ही यह फिल्म करे. इसके लिए उन्होंने शाहरुख को उनकी उस समय की फीस से कई गुना ज्यादा रकम दी थी. बताया जाता है कि यह रकम 30 लाख रुपये थी. शाहरुख ने इन पैसों से मुंबई में अपना पहला अपार्टमेंट खरीदा था. शाहरुख ने अपने एक इंटरव्यू में कुबूल किया कि उन्होंने यह फिल्म सिर्फ इसलिए साइन की क्योंकि लालवानी ने उन्हें अच्छी फीस ऑफर की. उन्होंने यह भी कहा कि मैंने पूरी फिल्म देखी ही नहीं. सिर्फ वही हिस्सा देखा जो खुद डब किया. उनका यह भी कहना था कि फिल्म में अच्छा परफॉर्मेंस न देकर उन्होंने लालवानी के साथ बेईमानी की. उन्हें इस फिल्म पर भरोसा ही नहीं था.