मुन्ना भाई MBBS के मकसूद भाई की दिलचस्प कहानी, ना शादी की, ना रहने के लिए घर बनाया, कमाई भी...
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मुन्ना भाई MBBS के मकसूद भाई की दिलचस्प कहानी, ना शादी की, ना रहने के लिए घर बनाया, कमाई भी...

Munna Bhai MBBS Maqsood Bhai Story: आम से दिखने वाली इस शख्सियत का जिंदगी जीने का तरीका बेहद अलग है. ये शायद इकलौते एक्टर हैं जिन्होंने कभी फिल्में नहीं देखीं. अपनी दो फिल्में जरूर देखीं, लेकिन लोगों के दबाव में आकर. ये फिल्मों में काम सिर्फ सर्वाइवल के लिए करते हैं, जिससे कमाई कर ये दुनिया घूम सकें. 

 मुन्ना भाई MBBS के मकसूद भाई की दिलचस्प कहानी, ना शादी की, ना रहने के लिए घर बनाया, कमाई भी...

Munna Bhai MBBS Surendra Rajan story: बस कर, रुलाएगा क्या? मुन्ना भाई MBBS (Munna Bhai MBBS) में झाड़ू पोछा करने वाले मकसूद भाई और उनका ये डायलॉग तो आपको याद ही होगा. इनका नाम है सुरेंद्र राजन (Surendra Rajan), ये देखने में तो एक साधारण एक्टर मालूम पड़ते हैं, लेकिन असल में ये एक इंटरनेशनल वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर, स्कल्पचरिस्ट और आला दर्जे के कलाकार हैं. आम से दिखने वाली इस शख्सियत का जिंदगी जीने का तरीका बेहद अलग है. ये शायद इकलौते एक्टर हैं जिन्होंने कभी फिल्में नहीं देखीं. अपनी दो फिल्में जरूर देखीं, लेकिन लोगों के दबाव में आकर. ये फिल्मों में काम सिर्फ सर्वाइवल के लिए करते हैं, जिससे कमाई कर ये दुनिया घूम सकें. हिमायल में बसने का शौक रखते हैं और कहते जिंदगी छोटी है और संसार बड़ा तो जी भर के जिओ. 

जमींदार खानदान से हैं सुरेंद्र राजन

साल 1939. सुरेंद्र राजन का जन्म पन्ना जिले के अजयगढ़ में हुआ. जमींदार खानदान से ताल्लुख रखने वाले सुरेंद्र राजन के परिवार का उठना बैठना उस समय के राजा पुण्य प्रताप सिंह के साथ था. इनकी सीखने की जिज्ञासा से खुश होकर राजा उन्हें अपने साथ रखते और फोटोग्राफी करते हुए उन्हें भी खूब सिखाते. उन्हीं की स्कूल से पढ़ाई पूरी कर रीवा के एग्रीकल्चर कॉलेज में दाखिला लिया. पेंटिंग का शौक था ये एग्रीकल्चर की पढ़ाई छोड़कर पिता की मर्जी के खिलाफ लखनऊ आर्ट्स कॉलेज पहुंच गए. पेंटिंग और मूर्तिकला में इतने माहिर की ये हर प्रोफेसर के पसंदीदा रहे.

गरीबों में बांट देते हैं कमाई

उन्हीं टीचर की सलाह पर ये दिल्ली आए और कई इंटरनेशनल एग्जीबिजन का हिस्सा बने. कला बेचने के रिवाज से तंग आकर एक दिन इन्होंने अपना सारा सामान बांधा और अलग-अलग काम करने देश के अलग-अलग शहर जाने लगे.  कभी बांधवगढ़ में वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी करते हुए एक्टिविस्ट अरुंधति रॉय ने इन्हें बीबीसी लंदन के लिए बन रही एक फिल्म में कास्ट कर लिया. पहली ही फिल्म से इन्हें खूब तारीफें मिलीं. जब अखबार में इनकी तस्वीर छपि तो इनके लुक तुलना महात्मा गांधी से हुई.असल जिंदगी में इन्होंने ना शादी की और ही रहने के लिए घर खरीदा, अगर फिल्मों या किसी अन्य तरीके से इनकी ज्यादा कमाई हो जाती है तो ये उसे गरीबों में बांट देते हैं और सिर्फ जरूरत भर का पैसा ही अपने पास रखते हैं. 

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