Top Ki Flop: दर्जन भर सितारे, छह कहानियां और सात गाने; फिल्म को दूर से सलाम करते रहे दीवाने
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Top Ki Flop: दर्जन भर सितारे, छह कहानियां और सात गाने; फिल्म को दूर से सलाम करते रहे दीवाने

Salman Khan Anil Kapoor: बॉलीवुड सितारों की वजह से फिल्में चल जाती हैं, परंतु वे सफलता की गारंटी नहीं है. आखिर तो कहानी ही चलती है. मगर निर्माता-निर्देशक सबक नहीं सीखते. सलाम-ए-इश्क बॉलीवुड की उन फ्लॉप फिल्मों में है, जिनमे दर्जन भर से ज्यादा सितारे थे. इनके फैन्स बस देख लेते तो सुपरहिट हो जाती.

 

Top Ki Flop: दर्जन भर सितारे, छह कहानियां और सात गाने; फिल्म को दूर से सलाम करते रहे दीवाने

Akshay Kumar John Abraham: सलाम-ए-इश्क 2007 में आई एक बेहद बड़ी मल्टीस्टारर फिल्म थी. फिल्म में उस समय के एक से बढ़कर एक सितारे थे. निखिल आडवाणी डायरेक्टर थे. फिल्म की स्टोरी भी उन्होंने लिखी थी. लेकिन दर्जन भर सितारों के बावजूद यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह ढह गई. फिल्म इतनी बड़ी फ्लॉप हुई कि 43 करोड़ में बनी सलाम-ए-इश्क ने इंडिया में बॉक्स ऑफिस पर सिर्फ 22 करोड़ की कमाई की. तमाम चर्चित सितारों की वजह से फिल्म का दर्शकों में क्रेज भी था, लेकिन जब यह रिलीज हुई तो दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई. नतीजा यह कि जल्द ही दर्शकों ने फिल्म को दूर से सलाम कर दिया.

जब तक होते दर्शक कनेक्ट...
सलाम-ए-इश्क एक रोमांटिक ड्रामा थी. यह 2003 में आई हॉलीवुड फिल्म लव एक्चुअली का रीमेक थी. सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा, अनिल कपूर, जूही चावला, गोविंदा, अक्षय खन्ना, आयशा टाकिया, सोहेल खान, ईशा कोप्पिकर, जॉन अब्राहम, विद्या बालन के अलावा साउथ अफ्रीकन एक्ट्रेस शेनन एसरा की भी अहम भूमिका थी. फिल्म में छह लव स्टोरियां थीं और सब एक-दूसरे के समानांतर चलती हैं. साथ ही सारी कहानियां आपस में एक-दूसरे से जुड़ी थीं. सारा मामल एक तो दर्शकों को पेचीदा लगा और दूसरा जब तक वे एक स्टोरी से कनेक्ट हों, बात आगे बढ़ जाती. नतीजा यह कि फिल्म दर्शकों को पसंद नहीं आई. समीक्षकों ने भी फिल्म की काफी आलोचना की. फिल्म राइटिंग और डायरेक्शन, दोनों ही स्तर पर खरी नहीं उतरी.

लंबाई बनी नेगेटिव पॉइंट
कल हो न हो जैसी फिल्म डायरेक्ट कर चुके निखिल आडवाणी से काफी उमीदें थी, लेकिन वह बड़ी स्टारकास्ट को मैनेज नहीं कर पाए. उन्हें शायद लगा हो कि सलमान, अनिल कपूर तथा गोविंदा समेत और भी नामचीन स्टार्स को एक साथ पर्दे पर देखने के लिए दर्शक जरूर आएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. फिल्म की लंबाई भी नेगेटिव साबित हुई. सलाम-ए-इश्क की अवधि साढ़े तीन घंटे से ज्यादा थी. साथ ही यहां कोई मसाला भी नहीं था. अतः इतनी लंबी फिल्म को झेल पाना दर्शकों को के लिए मुश्किल साबित हुआ. फिल्म की कहानियां टुकड़ों में चलती रही और दर्शक ऊब गए. कई ने कहा कि वह फिल्म देखते-देखते सो गए. फिल्म के क्लाइमेक्स में भी दम नहीं था. ऐसे में फिल्म का चल पाना संभव नहीं था.

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