Pakistani Movie: पिछले साल पाकिस्तानी फिल्म जॉयलैंड ने पूरी दुनिया में दर्शकों का दिल जीता, लेकिन इसे अपने ही देश में बैन कर दिया गया. वह थी, इसकी कहानी. कट्टरपंथियों ने इसे युवाओं को बिगाड़ने वाला और धर्म विरोधी बताया. यह फिल्म अगले महीने इंडिया के चुनिंदा शहरों में रिलीज होगी.
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Pakistani Film: आम तौर पर पाकिस्तान में बॉलीवुड की ही फिल्में देखी जाती हैं और पाकिस्तानी फिल्म इंडस्ट्री की कोई धमक कहीं देखने-सुनने नहीं मिलती. परंतु पिछले साल दो पाकिस्तानी फिल्मों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. पहली फिल्म थी, जॉयलैंड और दूसरी थी, द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट. जॉयलैंड को अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में तारीफें मिली थीं, जबकि द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट ने अमेरिका और यूरोप के बॉक्स ऑफिस पर झंडे गाड़े. द लीजेंड ऑफ मौला जट्ट को भारत में रिलीज करने की योजनाएं बन रही थीं, परंतु विरोध के स्वर उठने पर अंतत उसे निरस्त कर दिया गया. मगर अब जॉयलैंड को नए साल में भारत के चुनिंदा शहरों के चुनिंदा थियेटरों में दिखाए जाने की तैयारियों की खबर है. जॉयलैंड को पाकिस्तान की तरफ से 2023 ऑस्कर पुरस्कारों में आधिकारिक रूप से भेजा गया. हालांकि फिल्म अंतिम 5 में जगह नहीं बना पाई. फिल्म का पाकिस्तान में कट्टरपंथियों ने जबर्दस्त विरोध किया. तब इस पर बैन लगा दिया गया.
नैतिम मूल्यों के विरुद्ध
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार जॉयलैंड भारत के चुनिंदा टायर-वन के पीवीआर सिनेमाघरों में 10 मार्च को रिलीज की जाएगी. जॉयलैंड पाकिस्तान की पहली फिल्म है, जिसका विश्व के प्रतिष्ठित कान फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर हुआ था. जॉयलैंड पाकिस्तानी लेखक-निर्देशक सईद सादिक की यह डेब्यू फिल्म है. दुनिया भर के तमाम फिल्म फेस्टिवलों में इसकी बहुत तारीफ हुई. परंतु पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने नवंबर में यह कहते हुए इसे प्रतिबंधित कर दिया कि इसमें दिखाई गई बातें देश के ‘सामाजिक और नैतिक मूल्यों’ के विरुद्ध है.
ट्रांसजेंडर की लव स्टोरी
सारा बवाल फिल्म की कहानी पर हुआ. यह एक ऐसे पाकिस्तानी पितृसत्तात्मक परिवार को दिखाती है, जहां सबसे छोटे बेटे से ही वारिस की उम्मीद की जा रही है. मगर लड़का चोरी छुपे एक डांस ग्रुप जॉइन करता है और ग्रुप में एक ट्रांसजेंडर के प्यार में पड़ जाता है. फिल्म लड़के और ट्रांसजेंडर के प्यार की कहानी है. पाकिस्तानी समाज में ट्रांसजेंडरों बहुत कमतर मानते हुए, उन्हें गलत नजरों से देखा जाता है. यह फिल्म पाकिस्तान में कई लोगों को बहुत अखरी और इसका जमकर विरोध किया गया. कट्टरपंथियों का तर्क है कि यह फिल्म देश के युवाओं पर गलत असर डालती है. उन्होंने इसे इस्लाम के खिलाफ बताया.
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