Maharashtra Chunav Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे केवल वहां की सरकार का फैसला ही नहीं करेंगे, बल्कि एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे शरद पवार और अजित पवार का भविष्य भी तय करेंगे. आज आने वाले चुनाव नतीजों से साफ हो जाएगा कि शिवसेना और NCP का असली मालिक कौन हैं.
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Maharashtra Chunav Result 2024: महाराष्ट्र में असली और नकली शिवसेना को लेकर चल रहे घमासान पर अब से कुछ ही घंटों बाद जनता अपनी मुहर लगाएगी. महाराष्ट्र में करीब 50 सीटों पर सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार के भाग्य का फैसला होने वाला है, जहां शिवसेना बनाम शिवसेना की लड़ाई में शिंदे और उद्धव की साख दांव पर लगी है. चुनाव नतीजे आते ही साफ हो जाएगा कि एकनाथ शिंदे असली शिवसेना के मुखिया हैं या फिर जनता का समर्थन उद्वव ठाकरे की शिवसेना के साथ है. हालांकि, एकनाथ शिंदे और उद्वव गुट दोनों ही अपनी अपनी जीत का दावा कर रहा है.
शिवसेना के जैसा ही एनसीपी का हाल
महाराष्ट्र में शिवसेना के जैसा ही हाल एनसीपी का भी है. एनसीपी के नाम-निशान की लड़ाई में शरद पवार को मात देने के बाद अजित पवार अपनी पार्टी को असली एनसीपी बताते हैं. एनसीपी में दो फाड़ के बाद पहली बार हो रहे इन विधानसभा चुनाव में शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार दोनों की साख दांव पर लगी है. महाराष्ट्र की 288 में 38 सीटों पर मुकाबला एनसीपी बनाम एनसीपी का है और कुछ ही घंटों बाद आने वाले चुनाव नतीजे एक तरह से इस बात का जनमत परीक्षण भी माने जा रहे हैं कि जनता चाचा और भतीजा में से किसे असली NCP का प्रमुख मानती है.
महाराष्ट्र में महायुति या आघाड़ी? अबकी बार किसकी सरकार
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती 8 बजे शुरू होगी और कुछ ही घंटों बाद ये पता चल जाएगा कि महाराष्ट्र में किसकी दावेदारी भारी है. ये भी समझ में आ जाएगा कि जिन जहलीरे बयानों के जरिए महाराष्ट्र की सियासत उफान पर रही और किसके नारों में सूबे की जनता ने भरोसा जताया. किसी भी चुनाव में हर पार्टी का अपना एक नैरेटिव होता है और उसी नैरेटिव के जरिए पार्टी अपना वोट बैंक सेट करने कोशिश करती है. आज वो तारीख है, जब किसी भी पार्टी के सेट किए गए नैरेटिव के नतीजे आएंगे. यानी जिसका नैरेटिव चलेगा. महाराष्ट्र की सत्ता उसी के हाथों में होगी और जिसका नैरेटिव नहीं चलेगा उसका खेल खत्म.
किसकी सरकार बनेगी ये तो आने वाले कुछ घंटों में तय हो जाएगा. महाराष्ट्र की सियासत में किसके दावों में दम होगा ये भी कुछ ही घंटों में दिख जाएगा. करीब-करीब सभी राजनीतिक दल लुभावने नारों और नैरेटिव के जरिए मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की थी. यूपी में योगी का दिया गया नारा बंटोंगे तो कटोगे, महाराष्ट्र कि राजनीतिक में छाया रहा, तो मोदी ने योगी के नारे को आगे बढ़ाकर नया नारा इजाद किया. विरोधी पार्टियों ने भी बीजेपी के नारे का पूरी ताकत के साथ जवाब दिया और अपने नए नैरेटिव के साथ नया एजेंडा सेट करने की कोशिश की.
महाराष्ट्र चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ कि मौलाना खुलकर बीजेपी और सहयोगियों को हराने की रणनीति बनाते दिखे. ऐसा पहली बार हुआ जब महाराष्ट्र में प्रत्याशी मुस्लिम वोट पक्के करने के लिए मौलानाओं के दरबार में चक्कर काटते रहे. महाराष्ट्र कि सियासत में पहली बार नए नारों के साथ नया प्रयोग कितना सफल होगा, ये कुछ कुछ घंटों बाद ही तय हो जाएगा. ये भी पता चल जाएगा कि सफलता या असफलता के लिए महाराष्ट्र की जनता ने किस पैटर्न को चुना है.