Maharashtra के रण में 29 सीटों पर आपस में जंग लड़ रही गठबंधन की पार्टियां, जानें क्यों नहीं बनी बात
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Maharashtra के रण में 29 सीटों पर आपस में जंग लड़ रही गठबंधन की पार्टियां, जानें क्यों नहीं बनी बात

Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां लगभग तैयार हैं और वोटर्स को अपनी तरफ खींचने में लगी हुई हैं. 288 विधानसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में 29 सीटें ऐसी हैं जहां गठबंधन की पार्टियां ही एक दूसरे के खिलाफ मैदान में हैं. 

Maharashtra के रण में 29 सीटों पर आपस में जंग लड़ रही गठबंधन की पार्टियां, जानें क्यों नहीं बनी बात

Maharashtra Assembly Election: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में 288 विधानसभा सीट में से 29 पर महायुति और महा विकास आघाडी (एमवीए) के सहयोगी दलों के उम्मीदवारों के बीच दोस्ताना मुकाबला देखने को मिलेगा. हालांकि, ‘इंडिया’ गठबंधन के छोटे दलों के भी इसमें उतरने के बाद दोस्ताना मुकाबला एमवीए के लिए अधिक जटिल हो गया है. महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति के सहयोगी दलों भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बीच मानखुर्द शिवाजीनगर (मुंबई), आष्टी (बीड), सिंधखेड राजा (बुलढाणा), कटोल (नागपुर), मोर्शी (अमरावती), डिंडोरी (नासिक), श्रीरामपुर (अहमदनगर) और पुरंदर (पुणे) पर चुनावी मुकाबला होगा. 

शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शरद चंद्र पवार) और कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन के बीच 21 विधानसभा सीट पर इस तरह का मुकाबला होगा. प्रमुख मुकाबलों में से एक नांदेड़ उत्तर सीट पर होगा, जहां कांग्रेस के अब्दुल गफूर और शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार संगीता पाटिल मैदान में हैं. ज्यादातर निर्वाचन क्षेत्रों में एमवीए सहयोगी पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी आफ इंडिया (पीडब्ल्यूपीआई), समाजवादी पार्टी और वामपंथी दलों की तरफ से खड़े किये गए उम्मीदवारों के साथ-साथ चुनाव लड़ रहे हैं. 

समाजवादी पार्टी ने आठ उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं और वह छह सीट पर कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ-साथ चुनाव लड़ेगी, जिनमें मुख्य रूप से भिवंडी पश्चिम (ठाणे), तुलजापुर (धाराशिव), औरंगाबाद पूर्व (छत्रपति संभाजीनगर), मालेगांव मध्य (नासिक) हैं. वह राकांपा (शरद चंद्र पवार) के साथ परांदा (धाराशिव) और शिवसेना (यूबीटी) के साथ धुले सिटी विधानसभा सीट पर मुकाबले में होगी. पीडब्ल्यूपीआई ने 14 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं और सांगोले, लोहा, पेन, उरण, औसा, मालेगांव आउटर और पनवेल में शिवसेना (यूबीटी) के साथ-साथ तथा राकांपा (शरद चंद्र पवार) के साथ कटोल में मुकाबला है.

पीडब्ल्यूपीआई के एक नेता ने कहा कि उन्होंने छह सीट मांगी थीं, जहां पार्टी अच्छे मुकाबले में है. उन्होंने आगे कहा,'हालांकि, इन इलाकों में हमारी मजबूत मौजूदगी के बावजूद बड़ी पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे हैं.' उन्होंने कहा कि पार्टी को जहां भी उसका प्रभाव है वहां उम्मीदवार उतारने थे, क्योंकि उसे जरूरी संख्या में वोट पाने के चुनावी मानदंडों को पूरा करना था. गठबंधन के मतों में सेंध लगाने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,'ऐसा होगा, लेकिन हम क्या कर सकते हैं? हमने बड़ी पार्टियों से सीटें मांगीं लेकिन वे अड़े रहे.'

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने इस साल की शुरुआत में एक इंटरव्यू में कहा था कि महा विकास आघाड़ी को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए था, लेकिन इसने उनकी पार्टी को बातचीत के लिए भी नहीं बुलाया. उन्होंने कहा,'वे (एमवीए) सोचते हैं कि वे अपनी ताकत के दम पर चुनाव जीत सकते हैं और हमारी (सपा) की कोई जरूरत नहीं है.' सोलापुर सिटी सेंट्रल में माकपा उम्मीदवार नरसया आदम और कांग्रेस के बीच मुकाबला होगा, जबकि वानी निर्वाचन क्षेत्र में भाकपा उम्मीदवार हेपट और शिवसेना (यूबीटी) उम्मीदवार संजय डेरकर मैदान में हैं. महायुति में, शिवसेना और राकांपा के उम्मीदवार पुरंदर, डिंडोरी, मानखुर्द शिवाजी नगर, सिंदखेडराजा और श्रीरामपुर में दोस्ताना मुकाबले में हैं। राकांपा और भाजपा के बीच कटोल, मोर्शी और आष्टी में मुकाबला होगा.

इनपुट: भाषा

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