Lok Sabha Election Results 2024: दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) का वोट शेयर तो बढ़ा लेकिन सीट एक भी नहीं मिली. AAP के दो सबसे बड़े नेता- अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जेल में हैं. ऐसे में, लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे पार्टी के लिए खतरे की घंटी जैसे हैं क्योंकि दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.
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Delhi Lok Sabha Election Results 2024: दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने फिर जीत दर्ज की है. 2024 में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) का गठबंधन था, इसके बावजूद नतीजा 2019 जैसा ही रहा. दिल्ली में बीजेपी का क्लीन स्वीप कांग्रेस को भले ही उतना दर्द न दे, AAP के लिए ये नतीजे खतरे की घंटी हैं. AAP दिल्ली की सात में से चार सीटों पर लड़ी थी. पार्टी के वोट शेयर में करीब 6 प्रतिशत का इजाफा जरूर हुआ लेकिन सीट एक भी नहीं आई.
AAP का चुनाव प्रचार दिल्ली सरकार की परफॉर्मेंस और अपने नेताओं की गिरफ्तारी पर केंद्रित रहा. पार्टी को सीएम और AAP सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से सहानुभूति वोट मिलने की उम्मीद थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केजरीवाल को प्रचार के लिए अंतरिम जमानत भी मिली. इसके बावजूद AAP 2019 चुनाव के नतीजों को पलटने में सफल नहीं हो पाई. दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. केजरीवाल फिर से जेल चले गए हैं, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी जेल में हैं. ऐसे में AAP को अपनी रणनीति और चुनावी पिच में बदलाव की जरूरत है.
दिल्ली में बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस और AAP ने हाथ मिलाया था. सात सीटों में चार पर AAP लड़ी और तीन पर कांग्रेस. 2019 में AAP को जहां 18.2% वोट मिले थे, इस बार 24.14% वोट हासिल हुए. दिल्ली के भीतर AAP ने केजरीवाल की गिरफ्तारी और अपनी सरकार के काम को प्रचार का मुद्दा बनाया. 'जेल का जवाब वोट से' का नारा दिया गया ताकि सहानुभूति वोट लिए जा सकें. हालांकि, नतीजों से पता चलता है कि पार्टी अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाई.
AAP-कांग्रेस के गठबंधन में वैसी धार नहीं दिखी. एक-दूसरे के वोट आपस में ट्रांसफर नहीं हो पाए जिसका असर नतीजों पर दिखा. इसके उलट, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन ने शानदार सफलता पाई.
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पंजाब में AAP ने तीन सीटें जीतीं, 2019 के मुकाबले तीन गुना. संगरूर से गुरमीत सिंह मीत हेयर, आनंदपुर साहिब से मलविंदर सिंह कंग और होशियारपुर से राज कुमार चब्बेवाल जीते. 2019 में AAP को केवल संगरूर में जीत मिली थी. राज्य में पार्टी का वोट शेयर भी 7.38% से बढ़कर 26.02% हो गया है. AAP का वोट शेयर कांग्रेस के 26.3% से बस 0.28% कम रहा, लेकिन कांग्रेस ने सात सीटें जीती हैं.
पंजाब में, AAP का प्रचार मुफ्त बिजली-पानी, स्कूलों के विकास और मोहल्ला क्लीनिकों पर आधारित रहा. हालांकि, वोटर्स AAP के गायब विधायकों की शिकायत करते दिखे. महिलाओं को पेंशन का वादा भी भगवंत मान की सरकार ने पूरा नहीं किया.
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लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे बताते हैं कि AAP को अपनी रणनीति बदलने की जरूरत है. उसके टॉप नेताओं के जेल में होने का असर भी पार्टी के मनोबल पर पड़ रहा है. ऐसे में, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को अपनी खोई ताकत फिर से हासिल करनी होगी.