कौन हैं साहिल अख्तर? जिनकी JEE एडवांस में AIR 99 के बाद भी नहीं लिया IIT में एडमिशन
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कौन हैं साहिल अख्तर? जिनकी JEE एडवांस में AIR 99 के बाद भी नहीं लिया IIT में एडमिशन

JEE Advanced IIT Admission: मोहम्मद साहिल अख्तर ने कोलकाता के रूबी पार्क में दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और अप्रैल में जेईई का एग्जाम दिया.

कौन हैं साहिल अख्तर? जिनकी JEE एडवांस में AIR 99 के बाद भी नहीं लिया IIT में एडमिशन

JEE Advanced Sahil Akhtar: भारत में इंजीनियर बनने की चाहत रखने वाला हर छात्र आईआईटी में पढ़ाई करने का सपना देखता है. कैंडिडेट्स को उनकी प्रोफेशनल जर्नी की शानदार शुरुआत करने में मदद करती है. कई उम्मीदवार सफलतापूर्वक आईआईटी में एडमिशन ले लेते हैं लेकिन बाद में अपना मन बदल लेते हैं और कुछ और कर लेते हैं. आज हम आपको कोलकाता के एक ऐसे ही उम्मीदवार के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने 10वीं क्लास के बाद संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन बाद में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के लिए आईआईटी की काउंसलिंग छोड़ दी.

कोलकाता के मोहम्मद साहिल अख्तर ने आईआईटी में एडमिशन पाने के लिए 10वीं क्लास से ही कड़ी मेहनत की. उन्होंने अपना सपना तब पूरा किया जब उन्हें जेईई-एडवांस्ड 2023 के लिए ऑल इंडिया मेरिट लिस्ट में 99वीं रैंक मिली. हालांकि, अपने सपनों के संस्थान में एडमिशन पाने के बावजूद, 17 साल के मोहम्मद साहिल अख्तर ने जेईई एडमिशन प्रक्रिया से बाहर होने का फैसला किया, और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) की तरफ जाने का मन बना लिया.

मोहम्मद साहिल अख्तर ने अपने फैसले के पीछे का कारण बताते हुए कहा कि एमआईटी के पास "ज्यादा रिसर्च के मौके फ्लेक्सिबल करिकुलम" था. मोहम्मद साहिल अख्तर ने कहा, "आम तौर पर, सबसे ज्यादा डिमांड वाला रास्ता कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग (सीएसई) में आईआईटी में शामिल होना है. मेरे माता-पिता ने आईआईटी बॉम्बे पर विचार करने का सुझाव दिया."बाद में उन्होंने खुलासा किया कि जॉर्जिया में आईओएए ओलंपियाड में उन्हें अन्य ऑप्शन का एहसास हुआ जो उनके लिए उपलब्ध थे.

मोहम्मद साहिल अख्तर ने कहा, "एडमिशन के लिए किसी प्रवेश परीक्षा या रैंक पर कोई निर्भरता नहीं थी. मैं स्टैंडर्ड एडमिशन टेस्ट (SAT) के लिए उपस्थित हुआ. लेकिन SAT स्कोर से ज्यादा, MIT में एडमिशन इंस्टीट्यूट की एडमिशन कमेटी के मूल्यांकन पर आधारित था. मेरा आवेदन जिसमें मेरे पूरे एकेडमिक रिकॉर्ड, एकेडमिक्स के साथ-साथ एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में उपलब्धियां, निबंध और मेरे स्कूल के टीचर्स के रिकमंडेशन लेटर्स शामिल थे."

मोहम्मद साहिल अख्तर का कहना है कि, एमआईटी में, उन्हें लिंग्विस्टिक एंड फिलॉसफी में अपनी रुचि के बारे में जानने की उम्मीद है. उनके पास एक स्कॉलरशिप है जिससे "आईआईटी में हम कितना खर्च करेंगे इसकी लागत भी सामने आई है".

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