UPPSC Success Story: हार को ही बना लिया हथियार, किसान की बेटी बन गई डिप्टी जेलर
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UPPSC Success Story: हार को ही बना लिया हथियार, किसान की बेटी बन गई डिप्टी जेलर

Richa Ojha Success Stroy: रिचा ओझा प्रतापगढ़ जिले के भगीरथपुर गांव की रहने वाली हैं. रिचा ओझा ने शुरुआती पढ़ाई सगरा सुंदरपुर स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से की थी. 

UPPSC Success Story: हार को ही बना लिया हथियार, किसान की बेटी बन गई डिप्टी जेलर

Deputy Jailer Richa Ojha: अगर कुछ करने की एक बार ठान ली जाए तो फिर उसे पाने के लिए आप कुछ भी कर सकते हैं. ऐसी ही कहानी है किसान की उस बेटी की जो यूपीपीसीएस क्लियर करके डिप्टी जेलर बन गई हैं. जब किसी एग्जाम की तैयारी करते हैं तो यह सुनिश्चित नहीं होता कि एक ही बार में सफलता मिल जाएगी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर पहली बार में सफलता न मिले तो उस काम को करना छोड़ दें. 

यूपीपीसीएस क्लियर करने वाली रिचा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था. जब पहली बार उन्होंने एग्जाम दिया तो लिखित परीक्षा पास कर ली और इंटरव्यू राउंड तक पहुंच गईं. इंटरव्यू होने के बाद  जब रिजल्ट आया तो उनका सेलेक्शन नहीं हुआ था. इससे रिचा को झटका तो जरूर लगा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, उन्होंने इस असफलता को ही हथियार बना लिया और फिर तैयारी शुरू कर दी. आखिरकार उनकी मेहनत का फल मिला और यूपीपीसीएस 2019 का रिजल्ट आया इस बार रिचा का सेलेक्शन डिप्टी जेलर के पद पर हो गया.

रिचा ओझा प्रतापगढ़ जिले के भगीरथपुर गांव की रहने वाली हैं. रिचा ओझा ने शुरुआती पढ़ाई सगरा सुंदरपुर स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से की थी. इसके बाद बीएससी की पढ़ाई सुल्तानपुर के केएनआई कॉलेज से पूरी की. रिचा के पिता ललित कुमार ओझा किसान हैं. रिचा की मां नीलम ओझा आंगनबाड़ी में हैं. बेटी को बेहतर से बेहतर पढ़ाई कराने के लिए रिचा के पिता ने अच्छी शिक्षा पर जोर दिया.

डिप्टी जेलर के पद पर चयनित होने वाली रिचा का सपना इंडियन सिविल सर्विसेज में जाने का है.  रिचा मानती हैं कि मेरी इस कामयाबी के पीछे माता-पिता के अलावा मेरे पूरे परिवार का स्पोर्ट रहा है. मेरे चाचा संतोष कुमार ओझा ने ग्रेजुएट तक की पढ़ाई में बहुत सहयोग किया. इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए भी प्रेरित किया. 

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