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IAS Success Story: दो बार में नहीं हुआ UPSC पास, तीसरी बार की ऐसी प्लानिंग आ गई 16वीं रैंक; बन गईं IAS

IAS Anshu Priya success story: हर साल बिहार से कई उम्मीदवार आईएएस परीक्षा के लिए क्वालीफाई करते हैं, मुंगेर की अंशु प्रिया ने यूपीएससी सीएसई 2021 में एआईआर 16 हासिल की है. अंशु भी एक अन्य कैटेगरी में टॉप पर रहीं. CSE 2021 के लिए चुने गए टॉप 50 कैंडिडेट्स में, वह इंटरव्यू के नंबरों में अव्वल रही. यहां हम अंशु प्रिया के बैकग्राउंड, तैयारी की स्ट्रेटजी, अटेंप्ट की संख्या और यूपीएससी ऑप्शनल सब्जेक्ट के बारे में जानेंगे.

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अंशु प्रिया टीचर्स की फैमिली से ताल्लुक रखती हैं. उनके पिता शैलेन्द्र कुमार मुंगेर के गर्ल्स मिडिल स्कूल में प्रिंसिपल हैं और उनकी मां हाउस वाइफ हैं. उनके दादा और दादी भी टीचर थे. अंशु प्रिया के दो चाचा सरकारी पब्लिक सर्वेंट हैं. वह जॉइंट फैमिली में रहती हैं. परिवार बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला है.

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अंशु ने अपनी शुरुआती पढ़ाई मुंगेर, बिहार के मुंगेर नेट्रोडेम एकेडमी से पूरी की. इसके बाद उन्होंने दरभंगा जिले में अपने उच्च माध्यमिक विद्यालय में पढ़ाई की. वह अपनी मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा भी गई थीं. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने एम्स पटना में एमबीबीएस में एडमिशन लिया. 

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उन्होंने जनवरी 2019 में ग्रेजुएशन किया और एम्स पटना में रेजिडेंट डॉक्टर के रूप में काम किया. उन्होंने अपनी रेजिडेंसी पूरी करने के बाद UPSC CSE की तैयारी शुरू कर दी. अंशु ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए कुल 3 अटेंप्ट दिए. अपने तीसरे अटेंप्ट में वह यूपीएससी में 16वीं रैंक हासिल करने में कामयाब रहीं.

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बायोलॉजी स्टूडेंट अंशु प्रिया ने ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में मेडिकल साइंस को चुना. अंशु प्रिया ने आम लोगों की मदद का दायरा बढ़ाने के लिए मेडिकल फील्ड के बजाय सिविल सर्विस को चुना, जिसे वह डॉक्टर बनकर पूरा नहीं कर सकीं. उन्होंने आईएएस चुना है और आईएएस अधिकारी बनकर हेल्थ सेक्टर क्षेत्र में काम करना चाहती है.

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पहले दो अटेंप्ट में अंशु प्री एग्जाम पास करने में विफल रहीं, लेकिन बहुत प्रयास करने के बाद इस साल टॉपर्स में से एक के रूप में उभरीं. प्रीलिम्स में अपनी पहली असफलता के बाद, परीक्षा की तैयारी के लिए इकोसिस्टम कैसे काम करता है इसका अंदाजा लगाने के लिए वह दिल्ली चली गईं. अलग अलग नौकरियों में काम करते हुए अंशु परीक्षा की तैयारी करती रहीं. आखिर में अपने तीसरे प्रयास के लिए, उन्होंने नौकरी छोड़ दी और केवल परीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया और अच्छे नंबरों के साथ परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया. परीक्षा के लिए उन्होंने कुछ टिप्स अपनाए.

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उन्होंने करंट अफेयर्स पर फोकस किया और अखबार से अपने नोट्स बनाए और करंट अफेयर्स मैग्जीन के साथ पूरा किया. उन्होंने एनसीईआरटी, लक्ष्मीकांत, रमेश सिंह और स्पेक्ट्रम जैसी बेसिक किताबों से पढ़ाई की. अन्य सभी टॉपर्स की तरह उन्होंने भी परीक्षा के प्रीलिम्स और मेन्स फेज दोनों के लिए मॉक टेस्ट पर ज्यादा फोकस किया. उन्होंने कई मॉक टेस्ट दिए और अपनी परफॉर्मेंस का एनालिसिस किया. प्रीलिम्स के लिए उपस्थित होने के बाद उन्होंने आधा समय रिवीजन के लिए और बाकी मॉक टेस्ट के लिए दिया.

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