Advertisement
trendingPhotos1440567
photoDetails1hindi

Success Story: यूनिवर्सिटी गोल्ड मेडलिस्ट होने के बाद भी नहीं लिया प्लेसमेंट, ऐसी है दिशा के SDM बनने की स्टोरी

दिशा श्रीवास्तव ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2020 में 21 रैंक प्राप्त कर डिप्टी क्लेक्टर का पद हासिल किया. दिशा ने अपनी स्ट्रेटजी बारे में बताया कि किन रिसोर्सेस की सहायता से उन्होंने तैयारी की.

1/7

दिशा श्रीवास्तव गोरखपुर में पली बढ़ीं. इनकी पूरी पढ़ाई गोरखपुर से ही हुई. दिशा कार्मल गर्ल्स इण्टर कालेज गोरखपुर की स्टूडेंट रही हैं. दिशा 12वीं तक डिस्ट्रिक्ट टॉपर रहीं. इसके बाद ग्रेजुएशन स्टेट यूनिवर्सिटी से किया. दिशा सिविल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट हैं और 2017 में अपनी ग्रेजुएशन पूरी कर ली थी.

2/7

दिशा यूनिवर्सिटी में भी गोल्ड मेडलिस्ट रहीं. सिविल सर्विसेज में जाने की बचपन से ही इच्छा थी, लेकिन जो बूस्ट मिला वो ग्रेजुएशन पूरी होने के बाद मिला. कॉलेज में कोई प्लेसमेंट नहीं लिया और डेडिकेशन के साथ तैयारी करने का फैसला लिया. 

3/7

दिशा ने अपनी तैयारी की स्ट्रेटजी भी बताई. दिशा ने अपनी तैयारी मेन्स पर फोकस रखी. जब प्रीलिम्स पास आया तो फिर प्रीलिम्स की तैयारी की. दिशा का कहना है कि जितनी बार हो सके अपनी किताबों को रिवाइज करें. मॉक टेस्ट ज्यादा से ज्यादा दें.

4/7

गलतियों के बारे में उन्होंने बताया कि उन्होंने टाइम बेस पढ़ाई कि टारगेट बेस नहीं. उनका टारगेट था कि 16-18 घंटे पढूं तो पढ़ाई अच्छी होगी तैयारी अच्छी होगी, लेकिन ये एक बड़ी गलती थी जिसे बाद में महसूस किया. 

5/7

दिशा बताती हैं कि उन्हें अब नहीं लगता कि पढ़ाई टाइम बेस्ड हो सकती है. पढ़ाई टारगेट बेस होनी चाहिए आप अपना टारगेट तय करें कि कब क्या टॉपिक कवर करना है. इसलिए क्वांटिटी से ज्यादा क्वालिटी पर फोकस करना चाहिए. 

6/7

गोरखपुर के अशोक नगर की रहनेवाली दिशा श्रीवास्तव ने एसडीएम का पद हासिल किया. उनके पिता दिनेश श्रीवास्तव जीवन बीमा निगम में अधिकारी है जबकि मां सुधा हाउस वाइफ हैं. शुरू से ही मेधावी छात्रा रहीं दिशा ने बताया कि बचपन से उनकी इच्छा एसडीएम बनने की थी. लक्ष्य निश्चित था, इसलिए बिना भटकाव के उन्हें पहले ही प्रयास में सफलता मिल गई.

7/7

दिशा ने बताया कि व्यवस्थित और लक्षित पढ़ाई से बेहतर सफलता पाई जा सकती है. पढ़ाई के लिए त्याग और ईमानदारी भी बहुत जरूरी है. खासकर सोशल मीडिया की दूरी से काफी मदद मिली. वह अपनी सफलता का श्रेय माता पिता के अलावा मामा को देती हैं.

ट्रेन्डिंग फोटोज़