Law for Paper Leaks: केंद्र द्वारा पेपर लीक विरोधी कानून के दायरे में आने वाली परीक्षाओं में जेईई, एनईईटी और सीयूईटी समेत और भी प्रवेश परीक्षाओं को रखा गया है.
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Paper Leaks in India: केंद्र सरकारी नौकरियों और केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन के लिए कंपटीशन पेपर के पेपर लीक करने में लगे गिरोहों के खिलाफ एक कानून लाने की तैयारी में है. यह उन हजारों योग्य सरकारी नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों और स्टूडेंट्स की रक्षा करेगा, जिन्हें अज्ञात लीक के कारण नुकसान होता है या आखिरी टाइम में परीक्षा रद्द होने के कारण दिक्कत होती है.
टीओआई के मुताबिक इस मामले को पिछले हफ्ते केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उठाया गया था और मंजूरी मिल गई थी. सरकार सार्वजनिक परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम नामक विधेयक (Prevention of Unfair Means in Public Exams) को संसद में पेश कर सकती है. एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा कि विधेयक का जोर पेपर तक पहुंच हासिल करने और उन्हें उम्मीदवारों तक पहुंचाने में शामिल सिंडिकेट पर नकेल कसने पर होगा. अधिकारी ने कहा, "सरकार का इरादा किसी भी तरह से कैंडिडेट्स को नुकसान पहुंचाने का नहीं है."
केंद्र द्वारा पेपर लीक विरोधी कानून के दायरे में आने वाली परीक्षाओं में जेईई, एनईईटी और सीयूईटी जैसी प्रवेश परीक्षाओं के अलावा यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाएं भी शामिल हैं.
सूत्रों ने संकेत दिया कि सरकार प्रस्तावित कानून की रूपरेखा पर गौर करने के लिए एक विशेष समिति को काम सौंपेगी. हाल ही में राजस्थान चुनाव प्रचार के दौरान, पीएम मोदी ने अशोक गहलोत सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि "पेपर लीक माफिया" ने राज्य में लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया.
उधर, मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार परीक्षा का पेपर लीक होने पर अंकुश लगाने के लिए एक सख्त कानून लाएगी. सिंह ने कहा, "हम (स्कूल) परीक्षा के पेपर लीक होने के मामलों को रोकने के लिए एक सिस्टम शुरू करने जा रहे हैं. कोई भी स्टूडेंट्स को पेपर उपलब्ध नहीं करा पाएगा. स्टूडेंट्स को सतर्क रहने की जरूरत है."