IPS Success Story: खेतों में काम करके की सरकारी स्कूल में पढ़ाई, ऐसी है जुडवां बच्चों की आईपीएस मां की स्टोरी
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IPS Success Story: खेतों में काम करके की सरकारी स्कूल में पढ़ाई, ऐसी है जुडवां बच्चों की आईपीएस मां की स्टोरी

IPS Saroj Kumari: सरोज कुमारी को हर जगह चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे उनका कोई अंत ही नहीं है. उन्होंने अपने गांव के स्कूल में 8वीं क्लास तक पढ़ाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए अलीपुर में एडमिशन लिया.

IPS Success Story: खेतों में काम करके की सरकारी स्कूल में पढ़ाई, ऐसी है जुडवां बच्चों की आईपीएस मां की स्टोरी

IPS Saroj Kumar Success Story: यह गुजरात कैडर की आईपीएस अधिकारी सरोज कुमारी की कहानी है. वह संघर्ष और सफलता का एक आदर्श उदाहरण हैं जो हमें यह सबक देती हैं कि जीवन में कोई छोटा रास्ता नहीं है और इसे पाना होगा. एक मैराथन रनर, माउंटेनर, आउटडोर एक्टिविटी में शानदार प्रदर्शन करने वाली यह IPS अधिकारी उन लड़कियों के लिए एक सच्ची प्रेरणा हैं जो जीवन में कुछ हासिल करना चाहती हैं लेकिन अलग अलग कारणों से किसी तरह रुक जाती हैं.

राजस्थान के बुडानिया नाम के एक छोटे से गांव में जन्मी सरोज कुमारी ने आज जहां खड़ी हैं, वहां तक ​​पहुंचने के लिए संघर्ष किया. सफलता की राह आसान नहीं है क्योंकि अपने माता-पिता की मदद के लिए परिवार के प्रति जिम्मेदारी पढ़ाई से जरूरी है. यह दृढ़ संकल्प ही था जिसने उन्हें खेती के अंदर कड़ी मेहनत और घर के कामों के साथ-साथ पढ़ाई जारी रखी.

पिता बनवारीलाल सेना से हवलदार के पद से रिटायर हुए लेकिन मामूली पेंशन पांच लोगों के परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पर्याप्त नहीं थी. सरोज कुमारी जब स्कूल में थीं तब से ही उन्हें संघर्ष का सामना करना पड़ा. वह हर दिन डेली के काम करती थीं और फिर अपने सपनों का पीछा करने के लिए स्कूल पहुंचती थीं. स्कूल के बाद वह घर पहुंचतीं और फिर खेत में पिता और रसोई में मां की मदद की. यही उसकी दिनचर्या है जो पढ़ाई से ज्यादा जरूरी थी क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.

सरोज कुमारी को हर जगह चुनौतियों का सामना करना पड़ा जैसे उनका कोई अंत ही नहीं है. उन्होंने अपने गांव के स्कूल में 8वीं क्लास तक पढ़ाई की और फिर आगे की पढ़ाई के लिए अलीपुर में एडमिशन लिया. वह हर दिन स्कूल पहुंचने के लिए 5 किमी पैदल चलती थी और फिर वापस लौटती थी, जो हर दिन 10 किमी हो जाता है. फिर वह हमेशा की तरह अपने माता-पिता की मदद करने के लिए खुद को घर के कामों में लगा लेतीं. इस तरह के व्यस्त शेड्यूल के बावजूद वह कभी भी अपने सपनों का पीछा करने से पीछे नहीं हटीं और उन्होंने 12वीं की परीक्षा में टॉप किया. 

अपने माता-पिता के सहयोग से उन्होंने जयपुर के महारानी कॉलेज में एडमिशन लिया और आर्ट्स में ग्रेजुएशन किया. एम.ए. में फर्स्ट डिविजन प्राप्त करने के बाद उन्होंने राजस्थान विश्वविद्यालय से सामाजिक विज्ञान विभाग में एम.फिल परीक्षा में टॉप किया.

इस तरह के संघर्षपूर्ण जीवन के साथ सरोज कुमारी ने सिविल सेवा परीक्षा में हिस्सा लिया और खुद और परिवार की खुशी के लिए आईपीएस अधिकारी बन गईं. इस सेवा में आने से पहले राजकीय महाविद्यालय सरदारशहर राजस्थान में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम कर रही थीं. आईपीएस सरोज कुमारी ने 2019 में डॉ. मनीष सैनी से शादी की थी. दोनों के जुड़वां बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और एक बेटी है.

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