UPSC Success Story: यूपीएससी में सूरज की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए उनके पिता रमेश तिवारी ने कहा था कि उनके बेटे ने उन्हें गौरवान्वित किया है और 'सफल होने के लिए उसकी तीन उंगलियां ही काफी हैं.
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Suraj Tiwari UPSC Success Story: किसी ने सच ही कहा है कि मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं होती. चाहें आपकी स्थिति कैसी भी क्यों ना हो, अगर आप में मेहनत कर अपनी मंजिल पाने का जज्बा है, तो आपको दुनिया की कोई भी ताकत आपकी मंजिल तक पहुंचने से रोक नहीं सकती. आज हम आपको एक ऐसे ही उम्मीदवार के बारे में बताएंगे, जिन्होंने दोनों पैर, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियों के कट जाने के बावजूद जिंदगी से हार नहीं मानी और मेहनत, लगन और दृण निश्चय से यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा क्रैक कर डाली.
ट्रेन हादसे में कटे शरीर के अंग
दरअसल, हम बात कर रहे हैं यूपी के मैनपुरी के रहने वाले सूरज तिवारी की, जिनके ऊपर कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया, जिसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती. लेकिन उन्होंने इसके बावजूद जीवन में हार नहीं मानी और जिंदगी से लड़ने का फैसला किया. दरअसल, एक ट्रेन हादसे में सूरज ने अपने दोनों पैर, एक हाथ और दूसरे हाथ की दो उंगलियां गवा दी थीं. लेकिन, उन्होंने जिंदगी और मौत की जंग में सफलता हासिल करते हुए, जीवन में आगे बढ़ने के निर्णय किया. उन्होंने देश की सबसे कठिन यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बनाया और अंतत: परीक्षा में 917वीं रैंक हासिल करते हुए सफलता भी हासिल कर ली.
सफल होने के लिए उनकी तीन उंगलियां ही काफी हैं: सूरज तिवारी के पिता
यूपीएससी में सूरज की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए उनके पिता रमेश तिवारी ने कहा था कि उनके बेटे ने उन्हें गौरवान्वित किया है और 'सफल होने के लिए उसकी तीन उंगलियां ही काफी हैं.'
उन्होंने कभी हार नहीं मानी': सूरज तिवारी की मां
सूरज की मां ने कहा कि वह 'बहुत बहादुर' है और उसने अपने जीवन में सफल होने के लिए बहुत मेहनत की है. वह हमेशा अपने छोटे भाई-बहनों को कड़ी मेहनत करने के लिए भी कहता है."