NEET Success Story: कृति ने हर खाली पल का सदुपयोग करने का निश्चय किया. अपने माता-पिता के अटूट सपोर्ट से, कृति पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर फोकस करने में सक्षम थीं.
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Kriti Agarwal Success Story: जो लोग जीवन में कम उम्र में चुनौतियों और प्रतिकूलताओं का सामना करते हैं, वे अक्सर ज्यादा मजबूत, ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं, और उनकी सकारात्मक मानसिकता के कारण सफल होने की ज्यादा संभावना होती है. इसका एक आदर्श उदाहरण कृति अग्रवाल हैं, जिन्होंने NEET परीक्षा पास करने के लिए कई बाधाओं को पार किया.
कृति की अथक लगन और कड़ी मेहनत ही उनकी सफलता की चाबी थी. 2012 में AIPMT और उसके बाद 2013 और 2014 में NEET पास करने के अटेंप्ट के दौरान उन्हें कई असफलताओं का सामना करना पड़ा. अपने पहले अटेंप्ट में पास होने के बावजूद, वह परीक्षा पास नहीं कर पाई. हालांकि, कृति ने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य पर फोकस रखा.
क्लियरिटी हासिल करने के लिए ब्रेक लेने के बाद, उन्होंने एक सख्त दिनचर्या लागू की, जिसमें फेसबुक और व्हाट्सएप जैसे डिस्ट्रेक्शन से दूर रहना और फोकस रखने के लिए दोस्तों से खुद को दूर रखना शामिल था. उन्होंने अपने वीक एरिया, विशेष रूप से फिजिक्स और केमिस्ट्री को भी टारगेट किया, डेली प्रॉब्लम की प्रक्टिस करके और अपनी प्रोग्रस का आकलन करने के लिए मॉक टेस्ट दिए.
कृति ने हर खाली पल का सदुपयोग करने का निश्चय किया, बस का इंतजार करते हुए या स्थानीय रेलवे स्टेशन पर पढ़ाई करती. UPCPMT परीक्षा में बैठने के बावजूद, उसे अच्छे नंबर नहीं मिले क्योंकि उसमें UP बोर्ड का सिलेबस था. 1900 नंबरों के साथ, उसका सेलेक्शन नहीं हुआ, जिसके बाद उसके पास दो ऑप्शन बचे: BSc. करना या हार मान लेना. हालांकि, डॉक्टर बनना उसका आजीवन सपना था, और वह इससे अलग कोई रास्ता नहीं सोच सकती थीं.
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अपने माता-पिता के अटूट सपोर्ट से, कृति पूरी तरह से अपनी पढ़ाई पर फोकस करने में सक्षम थीं. उसकी दृढ़ता का फल तब मिला जब उन्होंने अपने तीसरे अटेप्ट में, 1084 की ऑल इंडिया रैंक के साथ NEET पास कर लिया और आखिरकार डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा कर लिया.
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