इस पद से प्रमोशन पाकर भी बनते हैं IAS अफसर, जानिए देना पड़ता है कौन सा एग्जाम?
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इस पद से प्रमोशन पाकर भी बनते हैं IAS अफसर, जानिए देना पड़ता है कौन सा एग्जाम?

IAS Officer: जो उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा क्वालीफाई नहीं कर पाए, लेकिन वे आईएएस ऑफिसर बनने का ख्वाब रखते हैं, तो वे बिना यूपीएससी परीक्षा पास किए बिना भी आईएएस ऑफिसर बन सकते हैं.

इस पद से प्रमोशन पाकर भी बनते हैं IAS अफसर, जानिए देना पड़ता है कौन सा एग्जाम?

Become IAS Without Passing UPSC: सिविल सेवा परीक्षाएं हर साल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती हैं. कथित तौर पर, हर साल 5 से 7 लाख उम्मीदवार परीक्षा देते हैं, जिनमें से करीब एक हजार उम्मीदवार का ही चयन किया जाता है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि यूपीएससी परीक्षा पास किए बिना भी कोई आईएएस बन सकता है या उसके समकक्ष पद पर नियुक्त हो सकता है? अगर नहीं, तो आइए आपको उस प्रोसेस के बारे में भी बताते हैं. एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक उम्मीदवार दो तरीकों से आईएएस (IAS) अधिकारी बन सकता है. पहला तरीका राज्य सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करना है (Qualifying State Civil Services Examination), और दूसरा तरीका सिविल सेवा लेटरल एंट्री (Civil Services Lateral Entry) के माध्यम से है.

पास करनी होगी स्टेट पीसीएस परीक्षा
आईएएस बनने के लिए, किसी को पहले यूपी पीसीएस या एमपी पीसीएस जैसी राज्य सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी, और फिर एसडीएम (सब डिविजनल मजिस्ट्रेट) बनना होगा. भारतीय प्रशासनिक सेवा विनियम 1955 के अनुसार, एसडीएम अपनी 8 साल की सेवा के बाद आईएएस पद में प्रमोशन के लिए एलिजिबल होते हैं. कथित तौर पर, उन्हें कुछ समय बाद प्रमोट किया जाता है; उन्हें प्रमोट होने में करीब 12 से 15 साल लग जाते हैं.

ऐसे बनाए जाते हैं PCS से IAS ऑफिसर
एक पीसीएस अधिकारी को आईएएस में प्रमोट करने के लिए एक समिति का गठन किया जाता है. इस समिति में राज्य सरकार के मुख्य सचिव, राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख, सरकार द्वारा नियुक्त दो अधिकारी शामिल होते हैं, जो संयुक्त सचिव से ऊपर या उसके बराबर होते हैं. वे उन अधिकारियों की एसीआर या वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट की जांच करते हैं, जिनके नाम केंद्र सरकार को भेजे जाने हैं. अगर किसी अधिकारी के खिलाफ जांच चल रही हो तो उसका नाम लिस्ट से खारिज कर दिया जाता है. फिर केंद्र सरकार अपना निर्णय राज्य सरकार को भेजती है.

लेटरल एंट्री स्कीम
आईएएस बनने का दूसरा रास्ता लेटरल एंट्री स्कीम है. प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला और 40 साल के आसपास का कोई भी अधिकारी इसके लिए एलिजिबल है. उनके पास कम से कम पंद्रह वर्ष का कार्य अनुभव होना चाहिए. इसके अलावा आवेदन करने के बाद, उम्मीदवार को एक इंटरव्यू के लिए उपस्थित होना होगा, जिसका नेतृत्व भारत सरकार के कैबिनेट सचिव करेंगे. इंटरव्यू क्लियर करने वाले उम्मीदवारों को आईएएस का पद सौंपा जाता है. हालांकि, याद रखें कि ये नियुक्तियां 3 साल के कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर होती हैं.

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