विदेश की नौकरी छोड़ UPSC में रैंक 1 हासिल कर बने IAS, गर्लफ्रेंड का रहा अहम योगदान
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विदेश की नौकरी छोड़ UPSC में रैंक 1 हासिल कर बने IAS, गर्लफ्रेंड का रहा अहम योगदान

IAS Kanishak Kataria: आईएएस कनिष्क कटारिया ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए आपनी विदेश की नौकरी छोड़ दी थी, जिसके बाद उन्होंने सिविस सेवा परीक्षा में अपने पहले प्रयास में ही ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करते हुए आईएएस का पद हासिल किया था.

विदेश की नौकरी छोड़ UPSC में रैंक 1 हासिल कर बने IAS, गर्लफ्रेंड का रहा अहम योगदान

IAS Kanishak Kataria UPSC Success Story: देश भर में यूपीएससी के कई उम्मीदवारों को आईएएस अधिकारी कनिष्क कटारिया की आईआईटी में प्रतिष्ठित शिक्षा से लेकर उनकी वर्तमान भूमिका तक की यात्रा से प्रेरणा मिलती है. सिविल सेवा में प्रवेश करने के अपने सपने को आगे बढ़ाने के लिए अच्छी-खासी तनख्वाह वाली कॉर्पोरेट पोजिशन से इस्तीफा देने का उनका असाधारण फैसला आखिरकार रंग लाया, क्योंकि वह 2019 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में प्रतिष्ठित ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल करने में सक्षम रहे थे. वह वर्तमान में कोटा के रामगंजमंडी में एक सब-डिविजनल ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं.

IIT बॉम्बे से की कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग
कनिष्क, जिनकी शिक्षा सेंट पॉल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कोटा से शुरू हुई, जहां वह काफी होनहार छात्र थे. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने साल 2010 में भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक जॉइंट एंट्रेस एग्जाम (JEE) में ऑल इंडिया 44वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद वह आईआईटी बॉम्बे से एप्लाइड स्टैटिस्टिक्स में माइनर्स के साथ कंप्यूटर साइंस में बी.टेक ऑनर्स करने चले गए.

विदेश की नौकरी छोड़ लिया UPSC देने का रिस्क
कनिष्क ने अपने करियर की शुरुआत डेटा साइंस के बारे में सीखकर की. बेंगलुरु, कैलिफोर्निया के स्टार्टअप में जाने से पहले उन्होंने सबसे पहले दक्षिण कोरिया में सैमसंग कंपनी के लिए काम किया. उन्होंने इसी बीच अपनी कॉर्पोरेट पोजिशन छोड़कर यूपीएससी परीक्षा देने का जोखिम लेने का फैसला किया.

सफलता के पीछे गर्लफ्रेंड का बहुत बड़ा सहयोग
दरअसल, कनिष्क ने हाई पेयिंग वाले अवसरों के लालच के बजाय सार्वजनिक सेवा के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना. इसके बाद उन्होंने खुद को पूरी तरह से अपनी यूपीएससी की तैयारी के लिए समर्पित कर दिया. सेल्फ स्टडी के माध्यम से घर पर अपनी तैयारी पूरी करने से पहले, उन्होंने खुद को एक कठोर स्टडी शेड्यूल के लिए प्रतिबद्ध किया. हालांकि, इससे पहले उन्होंने दिल्ली के एक कोचिंग सेंटर में सात या आठ महीने कोचिंग भी ली थी. इसके अलावा कनिष्क कटारिया की गर्लफ्रेंड ने भी उनका इस परीक्षा में काफी साथ दिया था. कनिष्क कटारिया ने जब सिविल सेवा परीक्षा में रैंक 1 हासिल की, तो उन्होंने इसका श्रेय अपनी गर्लफ्रेंड को दिया था. 

तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से बनाई दूरी
कनिष्क ने सोशल मीडिया के डिस्ट्रेक्शन से बचते हुए और अपनी सारी ऊर्जा अपनी तैयारियों पर केंद्रित की. वह अभी भी एक उत्साही खेल प्रशंसक है और अपनी पढ़ाई और करियर के प्रति अपने दायित्वों के बावजूद, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसऔर मशीन लर्निंग में उसका मजबूत बैकग्राउंड है.

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