BPSC Protest Bihar: गांधी मैदान से सीएम आवास तक मार्च निकाल रहे छात्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उनके सामने अपनी मांग रखना चाहते थे. क्योंकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फिलहाल दिल्ली में हैं. इस वजह से अब चीफ सेक्रेटरी ने इन छात्रों को मिलने बुलाया है.
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BPSC Protest: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच, रविवार को प्रदर्शन के दौरान पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इसके बाद सोमवार को कई छात्र संगठनों ने चक्का जाम की घोषणा की है. इस घोषणा के बाद सोमवार को छात्र संगठन के लोग सड़कों पर उतरे, जिससे ट्रेफिक पर असर देखा जा रहा है.
अरवल में चक्का जाम समर्थक सोमवार की सुबह सड़क पर उतर गए और सड़क जाम कर दिया. पटना में लाठी चार्ज के खिलाफ लोगों ने सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और जाम लगा दिया. इस बंद में अभ्यर्थियों के अभिभावक भी सड़क पर उतरे.
बंद समर्थकों ने पेपर लीक होने की जांच की मांग की है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि संयुक्त छात्र मोर्चा ने चक्का जाम की घोषणा की है और हम आम लोग भी सड़क पर उतरे हैं. इधर, दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर आइसा के कार्यकर्ता पहुंचे और सप्तक्रांति एक्सप्रेस को रोके रखा. प्रदर्शनकारी इंजन पर चढ़ गए.
रविवार को जब कैंडिडेट्स अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की. इसी दौरान झड़प हुई और स्थिति कंट्रोल से बाहर हो गई. पुलिस ने लाठीचार्ज और ठंड में पानी की बौछार का इस्तेमाल किया. अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर पुनर्परीक्षा की मांग कर रहे हैं.
प्रशांत किशोर के खिलाफ एफआईआर दर्ज
जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती सहित 21 लोगों के खिलाफ पटना के गांधी मैदान थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन पर छात्रों को उकसाने और हंगामा कराने का आरोप है. प्राथमिकी में 21 नामजद और 600 से 700 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है.
तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर पर बोला हमला
तेजस्वी यादव ने प्रशांत किशोर को टारगेट करते हुए कहा, ‘भूख हड़ताल से बीपीएससी कांप रही थी और सरकार हिली हुई थी, लेकिन सरकार ने नया फॉर्मूला निकाला और भारतीय जनता पार्टी की बी टीम, जोकि कुछ राजनीतिक दुकानदारी करते हैं, उन लोगों को आगे खड़ा किया गया और गांधी मैदान में आंदोलन को ले जाना पड़ा। जब पिटाई हुई तो कुछ लोग कह रहे थे कि हम आगे खड़े रहेंगे, सबसे पहले वही भाग खड़े हुए। ये आंदोलन को खत्म करने की साजिश है।’
कैंडिडेट्स की क्या हैं डिमांड?
कैंडिडेट्स पूरी परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं.
कैंडिडेट्स नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ हैं.
पेपर लीक के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग छात्र करते रहे हैं.
छात्रों पर लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग छात्र कर रहे हैं.
क्यों हो रहा है हंगामा?
13 दिसंबर को आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में प्रदेश की राजधानी पटना के बापू भवन परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र लीक होने की अफवाह फैल गई थी, जिसके बाद सैकड़ों उम्मीदवारों ने विरोध दर्ज करने के लिए परीक्षा का बहिष्कार भी किया था. छात्रों का आरोप है कि परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं, प्रश्न पत्र स्तरहीन थे, और कुछ प्रश्न निजी कोचिंग संस्थानों के मॉडल प्रश्न पत्रों से मेल खाते थे. वे पूरी परीक्षा रद्द कर पुनः आयोजित करने की मांग कर रहे हैं. बीपीएससी ने बापू परिसर में आयोजित परीक्षा को रद्द कर दिया और फिर से इस केंद्र के परीक्षार्थियों के लिए चार जनवरी को परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया.
क्या कह रहा है BPSC?
बीपीएससी ने छात्रों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि परीक्षा पारदर्शी और निष्पक्ष हुई थी. उन्होंने छात्रों से मुख्य परीक्षा की तैयारी में जुटने की अपील की है. वहीं, राज्य सरकार ने कहा है कि यदि किसी के पास अनियमितताओं के सबूत हैं, तो वे प्रस्तुत करें; सरकार उचित कार्रवाई करेगी.
क्या होता है नॉर्मलाइजेशन?
नॉर्मलाइजेशन एक प्रक्रिया है, जिसके जरिए किसी परीक्षा में मिले मार्क्स को सामान्य किया जाता है. यह प्रक्रिया, तब अपनाई जाती है, जब एक से ज्यादा शिफ्ट में एग्जाम आयोजित किया जाता है. नॉर्मलाइजेशन की मदद से, परीक्षा में मिले मार्क्स के आधार पर कैंडिडेट्स का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है.
आसान भाषा में समझते हैं नॉर्मलाइजेशन?
मान लीजिए, अगर एक परीक्षा दो शिफ्ट में हो रही है. अगर पहली पाली में पेपर आसान है, तो उस शिफ्ट के स्टूडेंट्स ज्यादा सवाल सॉल्व कर सकते हैं. दूसरी शिफ्ट में अगर पेपर कठिन होता है, तो वहां के स्टूडेंट उतने सवाल नहीं हल कर पाते. इस असमानता को दूर करने के लिए नॉर्मलाइजेशन किया जाता है.
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नॉर्मलाइजेशन का मैथड
मान लीजिए पहली शिफ्ट में किसी स्टूडेंट ने 80 मार्क्स मिले और दूसरी शिफ्ट में 70 मार्क पाने वाले छात्र को उसी मार्क्स के लेवल पर लाने के लिए, नॉर्मलाइजेशन के जरिए उनके मार्क्स समायोजित किए जाते हैं, जिससे दोनों के प्रदर्शन को समान रूप से माना जा सके. इस प्रक्रिया से दोनों शिफ्ट के स्टूडेंट्स के बीच किसी तरह के भेदभाव की स्थिति खत्म हो जाती है.