N Chandrasekaran Salary Package: टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का सैलरी पैकेज 20 प्रतिशत हाइक के साथ 135.32 करोड़ रुपये हो गया है. टाटा ग्रुप की तरफ से उनके काम से खुश होकर यह इनाम दिया गया है. इस बार उनके पैकेज में करीब 123 करोड़ रुपये का इजाफा किया गया है.
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Tata Sons Annual Report: खेतों में काम करने से लेकर देश के सबसे बड़े बिजनेस ग्रुप टाटा संस के चेयरमैन तक की जिम्मेदारी निभाने वाले एन चंद्रशेखरन का संघर्ष जिंदगी के शुरुआती दिनों में कम नहीं था. लेकिन आज वह अपनी मेहनत के दम पर जिस मुकाम पर हैं, उनसे लोगों को बहुत कुछ सीखने की जरूरत है. जब से उन्होंने टाटा ग्रुप की कमान संभाली है तब से उनके नेतृत्व में ग्रुप लगातार आगे बढ़ रहा है. तभी तो रतन टाटा भी उन पर पूरा भरोसा करते हैं. रतन टाटा के राइट हैंड कहे जाने वाले एन चंद्रशेखरन की सैलरी में फाइनेंशियल ईयर 2024 के दौरान 20 प्रतिशत का इजाफा किया गया है.
सालाना पैकेज बढ़कर 135.32 करोड़ रुपये हुआ
इसके साथ ही टाटा संस के चेयरमैन का सालाना पैकेज बढ़कर 135.32 करोड़ रुपये हो गया है. इस पैकेज में 121.5 करोड़ रुपये का कमीशन शामिल है. इसके साथ ही 61 साल के एन चंद्रशेखरन देश के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले लोगों में शामिल हो गए हैं. टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में एन चंद्र शेखरन के नेतृत्व में नेट प्रॉफिट में 74 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया है. 6 सितंबर को जारी हुई फर्म की 106वीं सालाना रिपोर्ट के अनुसार यह 49,000 करोड़ रुपये है.
निवेशकों को दोगुना से भी ज्यादा डिविडेंड दिया
49,000 करोड़ के कुल प्रॉफिट में से शेयरहोल्डर्स के लिए आवंटित हिस्सा 34,625 करोड़ रुपये था, जो वित्तीय वर्ष 2023 में दर्ज 16,847.79 करोड़ रुपये से दोगुना से भी ज्यादा है. रिपोर्ट के अनुसार कंपनी का कुल रेवेन्यू 14.64 प्रतिशत बढ़कर 4.76 लाख करोड़ रुपये हो गया है. ग्रुप ने सालाना रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर 35,000 रुपये का डिविडेंड दिया है, जो अब तक का सबसे ज्यादा है. फाइनेंशियल ईयर 2023 में साल के के लिए डिविडेंड के रूप में 17,500 रुपये दिया गया था. वित्तीय वर्ष 2024 के अंत में ग्रुप का मार्केट कैप 30.37 लाख करोड़ रुपये था. यह पिछले वित्तीय वर्ष के 20.71 लाख करोड़ से 47 प्रतिशत ज्यादा है.
एन चंद्रशेखरन का शुरुआती जीवन
एन चंद्रशेखरन का जन्म 1963 में तमिलनाडु के मोहनूर (Mohanur) में हुआ था. उनके माता-पिता पेशे से किसान थे. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल में की. उन्होंने कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से एमसीए किया. 1987 में उन्होंने टीसीएस (TCS) में इंटर्न के तौर पर काम शुरू किया. 2007 में उन्हें कंपनी का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बनाया गया. इसके दो साल बाद वह TCS के सीईओ बन गए. साल 2016 में उन्हें कंपनी के बोर्ड में शामिल किया गया. आज वह रतन टाटा के राइड हैंड हैं.
बराक ओबामा से बातचीत में बताया सच
एन चंद्रशेखरन उन चंद लोगों में से एक हैं जो जीरो से सफर शुरू करके इस मुकाम तक पहुंचे हैं. 'वर्किंग: व्हाट वी डू ऑल डे' नामक डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने अपने बारे में कुछ बातें बताईं. इसमें उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से बात की थी. उनसे बातचीत के दौरान चंद्रशेखरन ने बताया था कि बचपन में गांव में रहते थे और खेती-बाड़ी करके परिवार के साथ गुजर-बसर करते थे. यहां से वह अपनी मेहनत के दम पर बड़े कारपोरेट ग्रुप के लीडर बन गए.
121.5 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में शामिल
कमीशन और सैलरी के मामले में टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन का पैकेज वित्त वर्ष 24 में 20 प्रतिशत बढ़कर 135.32 करोड़ रुपये हो गया. इसमें 121.5 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में शामिल हैं. चन्द्रशेखरन साल 2016 में बोर्ड में शामिल हुए थे. टाटा संस के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर सौरभ अग्रवाल ने कुल 30.35 करोड़ रुपये का कम्पनसेशन लिया. इसमें से 24 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में दिये गए.
एयरलाइंस ने ग्रोथ में बड़ा योगदान दिया
एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस और एआईएक्स कनेक्ट जैसी एयरलाइंस ने ग्रुप की ग्रोथ में बड़ा योगदान दिया है. इस सेक्टर में कुल घाटा पिछले वित्तीय वर्ष के 15,414 करोड़ रुपये के मुकाबले घटकर FY 2024 में 6,337 करोड़ रुपये रह गया है. एयर इंडिया का प्राइवेटाइजेशन 2022 में हुआ था. इसके बाद एयरलाइन ने अपनी क्षमता में वृद्धि करते हुए अपना अब तक का रिकॉर्ड रेवेन्यू 51,365 करोड़ रुपये दर्ज किया. यह रेवेन्यू पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले 24.5 प्रतिशत ज्यादा रहा.