UPI Transactions: आज के समय में सब्जी वाले से लेकर बड़ी-बड़ी दुकानों तक पर क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट हो जाता है. इसी कड़ी में अगस्त महीने में यूपीआई से पेमेंट में कई गुना का इजाफा देखने को मिला है.
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UPI Payment System: आजकल फोन पे (Phone Pe), गूगल पे (Google Pay) समेत सभी यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल काफी ज्यादा बढ़ गया है. देशभर में इस समय यूपीआई से पेमेंट (UPI Payment) करना काफी सुलभ हो गया है. आज के समय में सब्जी वाले से लेकर बड़ी-बड़ी दुकानों तक पर क्यूआर कोड के जरिए पेमेंट हो जाता है. इसी कड़ी में अगस्त महीने में यूपीआई से पेमेंट में कई गुना का इजाफा देखने को मिला है. मोदी सरकार (Modi Government) की तरफ से शुरू की गई यूपीआई सुविधा का इस्तेमाल शहरों, गांव और कस्बों में सभी जगह किया जा रहा है.
अगस्त में 10 अरब पहुंचा आंकड़ा
एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई के जरिये डिजिटल भुगतान की संख्या अगस्त में कई गुना बढ़कर 10 अरब होने के पीछे ग्राहकों से दुकानदारों (पी2एम) को किए जाने वाले लेनदेन में आई तेजी की अहम भूमिका रही है. एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है.
वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट में मिली जानकारी
वर्ल्डलाइन की रिपोर्ट कहती है कि जनवरी, 2018 में यूपीआई से 15.1 करोड़ लेनदेन किए गए थे और यह संख्या जून, 2023 में बढ़कर 9.3 अरब हो गई थी. अगस्त में यह आंकड़ा 10 अरब के पार पहुंच गया. इसके पीछे पी2एम लेनदेन में हुई जबर्दस्त तेजी का अहम योगदान रहा है.
डेढ़ साल में कहां से कहां पहुंचा आंकड़ा
रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी 2022 में पी2एम का हिस्सा कुल यूपीआई लेनदेन में 40.3 प्रतिशत था. डेढ़ साल में यह अनुपात बढ़कर जून, 2023 में 57.5 प्रतिशत हो गया. इस अनुपात के आगे भी बढ़ने का अनुमान है.
ग्राहक कम राशि भी यूपीआई से करते हैं ट्रांसफर
इसके अलावा यूपीआई लेनदेन से भेजी जाने वाली औसत राशि का आकार भी भविष्य में इसके विस्तार का संकेत देता है. जनवरी, 2022 में यूपीआई से पी2एम लेनदेन का औसत आकार 885 रुपये था जो जून, 2023 में घटकर 653 रुपये रह गया. इससे पता चलता है कि अब लोग कम राशि का लेनदेन भी यूपीआई के जरिये करना पसंद कर रहे हैं.
यूपीआई से टोल कलेक्शन भी हुई काफी आसान
रिपोर्ट के मुताबिक, राजमार्गों पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के इस्तेमाल ने टोल भुगतान के तरीके को काफी हद तक बदल दिया है. इस भुगतान में भी यूपीआई लेनदेन का प्रमुख रूप से इस्तेमाल हो रहा है.
इनपुट - भाषा एजेंसी