प्लेन में गंदगी, टूटी सीटें, खराब रिमोट... आखिर टाटा से भी क्‍यों नहीं संभल रही एयर इंडिया?
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प्लेन में गंदगी, टूटी सीटें, खराब रिमोट... आखिर टाटा से भी क्‍यों नहीं संभल रही एयर इंडिया?

Tata Air India Airlines:  एयर इंडिया की विमानों की खराब मेंटिनेंस को लेकर शिकायतें सोशल मीडिया पर आती रही है. टूटी सीटें, खराब रिमोट , बेकार पड़े स्क्रीम को लेकर यूजर सोशल मीडिया पर शिकायत करते रहे हैं. इस समस्या से पार पाने के लिए टाटा बड़ी फर्म के साथ मिलकर विमानों का मेकओवर कर रही है. 

air india

Tata Air India Airlines: टाटासंस ने 2.4 बिलियन डॉलर यानी करीब 18000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर खस्ताहाल सरकारी एयरलाइंस एयर इंडिया को खरीदकर एविएशन सेक्टर की बड़ी डील पूरी की. एयर इंडिया की शॉपिंग से  टाटा को फ्लाइंग राइट्स, लैंडिंग स्टॉक मिले, जिसके साथ उसने इंटरनेशनल एविएशन सेक्टर में अपनी प्रबल मौजूदगी के दरवाजे खोलने का मौका. वहीं दूसरी तरफ एयर इंडिया के साथ ढ़ेर सारी समस्याएं और चुनौतियां उसे मुफ्त में मिली. ये चुनौतियों टाटा पर भारी पड़ रही है. 68 सालों पर एयर इंडिया की घर वापसी हुई, लेकिन इसे फिर से 'महाराजा' बनाने के लिए टाटा को अभी काफी मेहनत करनी होगी. 

एयर इंडिया फ्लाइट्स की दिक्कतें

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया की प्लेनों के भीतर गदंगी, खराब मेंटिनेंस की कई शिकायतें आती रही है.सोशल मीडिया पर एयर इंडिया की फ्लाइट्स की ऐसी तस्वीरें और वीडियोज सामने आते रहे हैं, प्लेन की खराब हालात की दास्ता बयां करते हैं. हाल ही में सोशल मीडिया पर यूजर ने कनाडा से नई दिल्ली की B777 एयर इंडिया फ्लाइट को लेकर शिकायत की थी. 4.5 लाख टिकट किराया खर्च करने के बाद भी उसे टूटी सीटों के साथ सफर करना पड़ा. इसी तरह से दिसंबर मेलबर्न-मुंबई फ्लाइट में भी सीट को लेकर शिकायत आई थी. सिर्फ टूटी सीटें ही नहीं, खराब रिमोट, टूटी आईएफई स्क्रीन जैसी दिक्कतें आम है. ये दिक्कतें तब तक खत्म नहीं होगी, जब तक एयर इंडिया की A350 फ्लाइट्स का ऑपरेशन शुरू नहीं हो जाता.  टाटा एयर इंडिया के साथ अपनी दूसरी एनिवर्सरी बना रहा है, लेकिन इसके लिए वापस से 'महाराजा' बन पाना इतना आसान नहीं है.  

क्यों एयर इंडिया विमानों में आ रही शिकायतें

टाटा ने जब एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था, उस वक्त खराब मेंटिनेंस की वजह से एयर इंडिया की कई विमान ग्राउंडेड थी. महीनों तक उड़ान न भरने के कारण उनका रख-रखाब ठीक नहीं नहीं हुआ.  एयर इंडिया खरीदने के बाद जब टाटा टेकओवर किया तो इन विमानों की फिर से रनवे पर जाने के लिए उनका मेकओवर करना शुरू किया. टाटा  ने एयरलाइंस के मेकओवर पर मोटा खर्च किया है. लंबे वक्त तक बंद पड़ी विमानों में खराब मेंटिनेंस के कारण एयर इंडिया के विमानों की स्थिति खराब हो चुकी हैं. टाटा बड़ी फर्म के साथ मिलकर प्लेन के इंजीनियर से लेकर जरूरी सर्विसेस को दुरुस्पत करने के लिए करोड़ों खर्च कर रही है. 

कब तक बदलाव की उम्मीद 
एयर इंडिया की विमानों की दशा सुधारना टाटा के लिए आसान नहीं है. इसमें वक्त लग रहा है. एयर इंडिया के 43 वाइड बॉडी एयरक्राफ्ट के इंटीरियर को सुधारने 400 मिलियन डॉलर का खर्च किया है. B787 विमान और  B777 विमानों के इंटीरियर का काम साल 2024 के जूल-जुलाई तक पूरा हो जाएगा. एयर इंडिया के बेड़े में शामिल बाकी विमानों के इंटीरियर का पूरा काम साल 2025 तक पूरा होने की उम्मीद है. मार्च 2024 तक नए रंग-रूप के साथ एयर इंडिया को दो विमान उड़ान भरने लगेगी. कंपनी 33% वाइड बॉडी विमानों को अपग्रेड करने की तैयारी कर रही है. ये काफी खर्चीला और टाइम वाला प्रोसेस हैं, जिसमें वक्तच लग रहा है.   

महाराजा बनने के लिए जरूरी

इंटीरियर या मेकओवर का ये काम भले ही मुश्किल है, लेकिन एयर इंडिया को अगर फिर से 'महाराजा' बनना है तो प्लेन की खराब मेंटिनेंस से पार पाना होगा. प्लेन की टूटी सीटों से लेकर खराब सीटों की दिक्कतें तो अपने तय टाइम के साथ खत्म होगी, लेकिन गंदगी को लेकर टाटा मैनेंटमेंट को सजग रहना होगा. उन्हें गंदगी से जुड़ी शिकायतों के लिए मैकैनिज्म तैयार करनी होगी. 

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