Economic Growth Rate: साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global) ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमान को छह फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है.
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India Economic Growth: साख निर्धारण करने वाली एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global) ने एक अप्रैल से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि (Economic Growth Rate) के अपने अनुमान को छह फीसदी पर अपरिवर्तित रखा है. एजेंसी ने इसके अगले वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26 में बढ़कर 6.9 फीसदी पर पहुंचने की उम्मीद भी जताई.
GDP की ग्रोथ किस दर से होगी
एशिया-प्रशांत के लिए त्रैमासिक आर्थिक जानकारी को अद्यतन करते हुए एसएंडपी ने कहा कि मुद्रास्फीति दर चालू वित्त की 6.8 फीसदी से नरम होकर 2023-24 में पांच फीसदी पर होगी. वहीं, भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) चालू वित्त वर्ष (2022-23) में सात फीसदी की दर से बढ़ेगा, लेकिन 2023-24 में यह कम होकर छह फीसदी पर आ जाएगा.
किस दर से होगी ग्रोथ
इसमें कहा गया है कि 2024-2026 में भारत की औसत वृद्धि दर सात फीसदी होगी. इसके बाद, 2024-25 और 2025-26 में जीडीपी के 6.9 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, 2026-27 के लिए यह 7.1 फीसदी होगी.
रेटिंग एजेंसी ने दी जानकारी
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि भारत में अर्थव्यवस्था को परंपरागत रूप से घरेलू मांग प्रभावित करती रही है. हालांकि बाद में यह वैश्विक चक्र के प्रति अधिक संवदेनशील हो गई, जिसकी एक वजह जिसों के निर्यात में वृद्धि है. अक्टूबर-दिसंबर 2022 में जीडीपी वृद्धि सालाना आधार पर धीमी पड़कर 4.4 फीसदी पर आ गई.
CPI का आंकड़ा
इसमें कहा गया है कि भारत में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति मार्च 2024 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में धीमी पड़कर पांच फीसदी रहनी चाहिए. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने एशिया-प्रशांत के लिए सतर्कता के साथ सकारात्मक परिदृश्य को कायम रखा और कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था इस वर्ष पुनरुद्धार की राह पर बढ़ रही है.
एजेंसी - भाषा
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