अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है भारत, 2022 तक हो जाएगी 18 फीसदी की हिस्सेदारी
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अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है भारत, 2022 तक हो जाएगी 18 फीसदी की हिस्सेदारी

2022 तक ऊर्जा की जरूरतें पूरा करने में खनिज ईंधन का हिस्सा घटकर 50 से 55 प्रतिशत रह जाएगा जो अभी 67 प्रतिशत है.

कुल बिजली उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा 2022 तक बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा.

मुंबई : ईंधन की बढ़ती खपत और कम होते संसाधनों को देखते हुए वैकल्पिक ऊर्जा के इस्तेमाल पर जोर दिया जा रहा है. देश में इस समय सौर और पवन ऊर्जा क्षमता बढ़ाने पर लगातार जोर है. कुल बिजली उत्पादन क्षमता में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा 2022 तक बढ़कर करीब 18 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा. यह अभी 7.8 प्रतिशत है. वैश्विक रेटिंग्स एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत पेरिस जलवायु करार में अपनी प्रतिबद्धता के तहत राष्टीय स्तर पर तय लक्षित योगदान (एनडीसी) के तहत अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता का हिस्सा बढ़ाने की दिशा में उत्साहजन कदम उठा रहा है. 

मूडीज इन्वेस्टर सर्विस के उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ विश्लेषक अभिषेक त्यागी ने कहा कि पिछले दो साल में भारत हुए बिजली उत्पादन क्षमता विस्तार में 60 प्रतिशत हिस्सा अक्षय ऊर्जा का है. वहीं कोयला आधारित बिजली क्षमता बढ़ोतरी की रफ्तार सुस्त पड़ी है. 

उन्होंने कहा कि बड़ी कंपनियों ने अपने परिचालन को अधिक ऊर्जा दक्ष बनाने तथा अधिक अक्षय ऊर्जा को जोड़ने की योजना की घोषणा की है. 

एजेंसी के अनुसार कुल बिजली उत्पादन में अक्षय ऊर्जा का हिस्सा 2022 तक बढ़कर 18 प्रतिशत हो जाएगा. मार्च, 2018 तक यह 7.8 प्रतिशत था. इसमें कहा गया है कि 2022 तक ऊर्जा की जरूरतें पूरा करने में खनिज ईंधन का हिस्सा घटकर 50 से 55 प्रतिशत रह जाएगा जो अभी 67 प्रतिशत है. 

(इनपुट भाषा से)

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