Federal Reserve: एमपीसी मेंबर जयंथ वर्मा, अशिमा गोयल और शशांका भिड़े का टर्म 4 अक्टूबर को पूरा हो रहा है. ब्याज दर निर्धारण के लिए अगली एमपीसी 9 अक्टूबर को होने वाली है. छह सदस्यों की चयन समिति में गर्वनर शक्तिकांत दास, कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमानथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और अन्य अधिकारी शामिल हैं.
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RBI Repo Rate: फेड रिजर्व ने पिछले दिनों अमेरिका में राहत देते हुए ब्याज दर में 0.50% की कटौती की थी. अमेरिका में 23 साल के रिकॉर्ड लेवल पर चल रही ब्याज दर में कटौती के बाद देश और दुनियाभर के शेयर बाजार में तेजी देखी गई. इसके बाद भारत में भी ब्याज दर में कटौती को लेकर चर्चा तेज हो गई है. इस पर आरबीआई की एमपीसी की तरफ से 9 अक्टूबर की बैठक में फैसला किया जाना है. लेकिन एमपीसी से कुछ दिन पहले ही तीन बाहरी सदस्यों का कार्यकाल 4 अक्टूबर को खत्म हो रहा है. ऐसे में सवाल यह कि इन सदस्यों की नियुक्ति के बिना एमपीसी में ब्याज दर कटौती का फैसला हो पाएगा.
अब तक नए सदस्यों के नाम तय नहीं किए
दरअसल, एमपीसी में नए सदस्यों की नियुक्ति के लिए गठित सरकारी समिति ने अब तक नए सदस्यों के नाम तय नहीं किए हैं. ऐसे में इस मीटिंग में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम है. ऐसा मामला पहले भी देखने को मिला था. साल 2020 में सदस्यों की नियुक्ति नहीं होने से आरबीआई को ब्याज दर में कटौती का फैसला टालना पड़ा था. आपको बता दें आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा में कुल छह मेंबर होते हैं. छह में से तीन आरबीआई के अधिकारी और तीन बाहरी सदस्य होते हैं.
बाहरी सदस्यों का कार्यकाल चार साल का
पिछले दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जिन उम्मीदवारों के नामों की सिफारिश की जाएगी, उनके नामों का ऐलान सितंबर अंत या अक्टूबर की शुरुआत में होने की उम्मीद है. एमपीसी के सभी सदस्यों का नेतृत्व आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास करते हैं. बाहरी सदस्य आमतौर पर इकोनॉमिक्स के जानकार होते हैं और इनका कार्यकाल चार साल का होता है.
इन तीन सदस्यों का टर्म हो रहा पूरा
आपको बता दें मौजूदा समय में बाहरी मेंबर जयंथ वर्मा, अशिमा गोयल और शशांका भिड़े का टर्म 4 अक्टूबर को पूरा हो रहा है. ब्याज दर निर्धारण के लिए अगली एमपीसी 9 अक्टूबर को होने वाली है. छह सदस्यों की चयन समिति में गर्वनर शक्तिकांत दास, कैबिनेट सचिव टी.वी. सोमानथन, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और अन्य अधिकारी शामिल हैं. साल 2020 में बाहरी सदस्यों की नियुक्ति में देरी के कारण आरबीआई को तय मीटिंग को होल्ड करना पड़ा था.
गवर्नर और डिप्टी गवर्नर का कार्यकाल भी कम
गवर्नर और डिप्टी गवर्नर का कार्यकाल भी पूरा होने की तरफ है. अभी तक यह अनिश्चितता बनी हुई है कि अगले साल देश के केंद्रीय बैंक का नेतृत्व कौन करेगा? दरअसल, गवर्नर शक्तिकांत दास और मौद्रिक नीति के प्रभारी डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा दोनों के कॉन्ट्रैक्ट आने वाले महीनों में खत्म हो रहे हैं. दास के कार्यकाल का 9 दिसंबर को अंतिम दिन है. इसे सरकार की तरफ से पहले भी तीन साल के लिये बढ़ाया गया था. सरकार की तरफ से ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया है कि नइनका कार्यकाल बढ़ेगा या नई नियुक्ति की जाएगी.