RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, सस्ते लोन का इंतजार हुआ लंबा
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RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, सस्ते लोन का इंतजार हुआ लंबा

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. सेंट्रल बैंक ने रेपो रेट को 6.0 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा है.

RBI ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव, सस्ते लोन का इंतजार हुआ लंबा

नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. सेंट्रल बैंक ने रेपो रेट को 6.0 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 5.75 प्रतिशत पर बरकरार रखा है. आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल की अगुवाई में होने वाली समीक्षा बैठक पर पूरे देश की नजरें टिकी हुई थीं. छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति के अनुसार वृद्धि दर सुधर रही है और उत्पादन का अंतर घट रहा है. यह नए वित्त वर्ष की पहली समीक्षा बैठक है.

  1. रेपो रेट 6.0 % और रिवर्स रेपो रेट को 5.75 % पर बरकरार
  2. नए वित्त वर्ष की पहली समीक्षा बैठक के नतीजे सामने आए
  3. मौद्रिक नीति समिति की बैठक बुधवार को शुरू हुई थी

कल शुरू हुई थी बैठक
आरबीआई की तरफ से मौद्रिक नीति समिति बैठक के बाद रेपो रेट को बरकरार रखने से देश की जनता को सस्ते लोन के लिए अभी और इंतजार करना होगा. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की दो दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई थी. बैठक के नतीजे आने से पहले ही जानकारों ने भी रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव नहीं होने की उम्मीद जताई थी.

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विकास को बढ़ाए जाने की जरूरत
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब सरकार ने जोर देकर कहा था कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा. इससे पहले उद्योग संगठन फिक्की ने अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के मद्देनजर मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आरबीआई की ओर से अपने तटस्थ रुख पर बने रहने की बात कही थी. फिक्की का कहना है, पिछले कुछ महीनों से, आर्थिक सुधार के संकेत दिखाई दे रहे हैं, लेकिन विकास को थोड़ा और बढ़ाए जाने की जरूरत है.

वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी के मद्देनजर भी एमपीसी की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम थी. आपको बता दें कि पिछली चार नीतिगत बैठकों में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों पर यथास्थिति कायम रखी है. पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है. स्कोईमेट ने मानसून सामान्य रहने का अनुमान लगाया है. इससे कृषि उत्पादन बेहतर रहने की उम्मीद है जिससे कीमतों पर दबाव कम होगा.

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एमपीसी में थे ये छह सदस्य
एमपीसी में सरकार की ओर से नामित सदस्य चेतन घाटे, पामी दुआ, रवीन्द्र एच ढोलकिया हैं. वहीं आरबीआई की ओर से गवर्नर उर्जित पटेल, मौद्रिक नीति प्रभारी डिप्टी गवर्नर विरल ए आचार्य और बैंक के कार्यकारी निदेशक मिशेल डी पात्रा शामिल हैं.

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