Bullet Train Project In India: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सूरत में इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए जून में ये जानकारी दी थी कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है जिसकी वजह से प्रोजेक्ट की लागत ऊपर जा सकती है.
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Bullet Train Project In India: देश की पहली बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट (First Bullet Train Project) को लेकर लोगों में बहुत उत्साह है. ट्रेन की लागत, डिजाइन, उसके किराये सब पर यात्रियों की पैनी नजर है. अब बुलेट ट्रेन को लेकर नया अपडेट सामने आया है. ट्रेन में लगने वाले अनुमानित लागत (Estimated Cost) बढ़ गई है.
बुलेट ट्रेन पर आया नया अपडेट!
दरअसल, इससे पहले वर्ष 2015 में हुए सर्वे के अनुसार मुबंई-अहमदाबाद रूट पर पहली बुलेट ट्रेन दौड़ाने में करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था. लेकिन अब इसकी लागत बढ़ती जा रही है. अब तक अनुमानित लागत बढ़कर 1.60 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जबकि इसमें अभी Goods and Service Tax (GST) को शामिल नहीं किया गया है.सरकार ने लागत संबंधी जानकारी दी है.
रेलमंत्री ने दी थी जानकारी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सूरत में इस प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए जून में ये जानकारी दी थी कि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है जिसकी वजह से प्रोजेक्ट की लागत ऊपर जा सकती है. इसके बाद रेल मंत्री ने किराये को लेकर भी बात की थी.
कंस्ट्रक्शन हुआ महंगा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भूमि अधिग्रहण में अनुमान से अधिक खर्च हुआ है. आपको बता दे कि कंस्ट्रक्शन मेटेरियल (Construction Material) जैसे, सीमेंट, स्टील व लोहे आदि की कीमत भी काफी बढ़ गई है. ऐसे में, समय के साथ इसकी लागत भी बढ़ती जा रही है. नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने इस पर कहा है कि प्रोजेक्ट के लिए नई लागत की जानकारी अभी नहीं दी जा सकती है. NHSRCL का कहना है कि भूमि अधिग्रहण का काम और सभी कॉन्ट्रैक्ट्स पूरे होने के बाद ही इसकी घोषणा की जाएगी. गौरतलब है कि कोरोना महामारी आने के कारण हाई-स्पीड रेल (High Speed Rail) का काम बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, यही वजह है कि कई निर्माण कार्य अधर में पड़े हैं.
क्यों हो रही देरी?
बुलेट ट्रेन के निर्माण कार्य में देरी हो रही है. सितंबर 2017 में शुरू हुए इस 508 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट को पूरा करने की शुरुआती डेडलाइन 2022 ही थी. लेकिन अब तक केवल दादर और नागर हवेली में ही 100 फीसदी भूमि अधिग्रहण हुआ है. प्रोजेक्ट के लिए गुजरात में भूमि अधिग्रहण का काम 98.9% और महाराष्ट्र में 73% पूरा हो गया है. केंद्र सरकार की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण में लग रहा है और यही इस प्रोजेक्ट में देरी की मुख्य वजह है.