India Economic Development News: यह सदी भारत की है. आने वाले कुछ वर्षों में भारत अपने प्रतिद्वंदियों यूएस और चीन को भी पीछे छोड़ देगा. यह दावा भारत नहीं बल्कि अमेरिका के अर्थशास्त्रियों का है.
Trending Photos
India Economic Development Prediction: नए जमाने का नया भारत अब रुकने को तैयार नहीं है. वह अब आर्थिक विकास में ब्रिटेन जापान ही नहीं बल्कि अमेरिका और चीन को भी पीछे छोड़ने जा रहा है. यह हम बल्कि अमेरिका के अर्थशास्त्री खुद कह रहे हैं. अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी मंच (USISPF) के अध्यक्ष जॉन चैंबर्स ने सोमवार को दावा किया कि अगले कुछ वर्षों में भारत प्रमुख आर्थिक मापदंडों में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका से आगे निकल जाएगा.
'प्रति व्यक्ति आय में रिकॉर्ड बनाएगा भारत'
USISPF की ओर से दिल्ली में आयोजित वार्षिक 'भारत नेतृत्व शिखर सम्मेलन 2024' में बोलते हुए, जॉन चैंबर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की आर्थिक प्रगति की तेज गति की तारीफ की. चैंबर्स ने कहा, "महत्वपूर्ण क्षण वह था जब राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी ने वाशिंगटन में मुलाकात की और घोषणा की कि यह अब तक की सबसे रणनीतिक साझेदारी है."
संस्था के अध्यक्ष ने कहा, "जीडीपी प्रति व्यक्ति आय वृद्धि के मामले में भारत रिकॉर्ड कायम करेगा. वह चीन से लगभग 100 प्रतिशत और अमेरिका से 33 प्रतिशत बड़ा होगा. इस अवधि के दौरान यहां जीवन स्तर और समग्र विकास दुनिया के किसी भी अन्य देश से आगे निकल जाएगा."
'यह भारत की सदी, सबको छोड़ देगा पीछे'
चैंबर्स ने जोर देते हुए कहा, 'यह भारत की सदी है.' उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका के साथ मिलकर व्यापार, सरकार, शिक्षा जगत और नागरिकों के नेताओं के साथ मिलकर काम करके भारत वैश्विक विकास के लिए एक मॉडल बन सकता है.
USISPF अध्यक्ष ने आगे भविष्यवाणी की कि मजबूत अमेरिकी-भारत साझेदारी के माध्यम से, 'हम संभावित रूप से भारत की जीडीपी वृद्धि को दो प्रतिशत वार्षिक की दर से बढ़ा सकते हैं और अमेरिकी जीडीपी वृद्धि को एक प्रतिशत तक बढ़ा सकते हैं.'
कई क्षेत्रों में भारत- यूएस में बढ़ रहा सहयोग
यह शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की सफल यात्रा के बाद हो रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करना, सप्लाई चेन को बढ़ावा देना और सेमीकंडक्टर निवेश, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और नेक्स्ट जेनरेशन टेक्नोलॉजी सहयोग को बढ़ावा देना है.
(एजेंसी आईएएनएस)