OPS: वित्त मंत्रालय को इससे जुड़ा किसी तरह का प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि रेड्डी सरकार इस पर काम कर रही है. आरबीआई की तरफ से भविष्य में मुश्किल होने की बात कही गई है.
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Old Pension Scheme: देशभर के सरकारी कर्मचारियों की तरफ से पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करने की मांग की जा रही है. कर्मचारियों की मांग को देखते हुए कुछ राज्य सरकारों की तरफ से इसे लागू भी कर दिया गया है. पूरे देश में यह एक सियासी मुद्दा बना हुआ है. जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं, वहां की राजनीतिक पार्टियों की तरफ से पुरानी पेंशन को लागू करने का वादा किया जा रहा है. हालांकि इस पर तमाम जानकारों के साथ ही आरबीआई ने भविष्य में मुश्किल होने की बात कही है. इस सबके बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की न्यू पेंशन स्कीम चर्चा में है.
नई और पुरानी पेंशन दोनों के प्रावधानों को शामिल किया
सरकार की तरफ से इसे गारंटीड पेंशन स्कीम (GPS) नाम दिया गया है. हालांकि वित्त मंत्रालय को इससे जुड़ा किसी तरह का प्रस्ताव नहीं भेजा गया है. लेकिन सूत्रों का दावा है कि रेड्डी सरकार इस पर काम कर रही है. इस पेंशन योजना की खास बात यह है कि इसमें नई पेंशन और पुरानी पेंशन स्कीम दोनों के प्रावधानों को शामिल किया गया है.
क्या है गारंटीड पेंशन स्कीम
जीपीएस (GPS) के तहत यदि कोई कर्मचारी हर महीने अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत जमा करता है तो उसे रिटायर होने पर सैलरी का 33 प्रतिशत पेंशन के तौर पर मिलेगा. जीपीएस में राज्य सरकार की तरफ से भी 10 प्रतिशत जमा किया जाएगा. इसमें दूसरा प्रावधान यह है कि यदि कर्मचारी अपनी सैलरी का 14 प्रतिशत जमा करता है तो उसे रिटायरमेंट के बाद 40 प्रतिशत तक पेंशन मिलने की उम्मीद है.
केंद्र सरकार ने कहा, काफी दिलचस्प मॉडल
केंद्र सरकार की तरफ से इसे फिलहाल आंध्र प्रदेश में लागू करने की इजाजत नहीं दी गई है. केंद्र सरकार के अधिकारियों का कहना है यह काफी दिलचस्प मॉडल है. लेकिन इसमें ज्यादा जानकारी की जरूरत है. आपको बता दें ओल्ड पेंशन स्कीम (Old Pension Scheme) के तहत कर्मचारी को आखिरी वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन मिलती थी. पेंशन के रूप में मिलने वाली इस पूरी राशि का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता था.
वहीं, नेशनल पेंशन स्कीम यानी न्यू पेंशन सिस्टम में लंबे समय तक निवेश प्लान है. इसके तहत रिटायर होने के बाद कर्मचारी को बड़ा फंड एक बार में मिल जाता है. इसमें निवेश करने वाले को 80-CCD (1B) के तहत 50 हजार रुपये की छूट मिल जाती है. इसके अलावा इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80-C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की छूट मिल जाती है.
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