OYO IPO: आईपीओ की साइज करनी पड़ी कम, इस वजह से लेना पड़ा ये बड़ा फैसला
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OYO IPO: आईपीओ की साइज करनी पड़ी कम, इस वजह से लेना पड़ा ये बड़ा फैसला

OYO IPO: ओयो होटल्स अपने उन शेयरों को कम कर रहा है जिन्हें वह स्टॉक-मार्केट डेब्यू के तहत पेश करने वाला था. कंपनी ने इसमें लगभग दो-तिहाई की कटौती की है.

OYO IPO: आईपीओ की साइज करनी पड़ी कम, इस वजह से लेना पड़ा ये बड़ा फैसला

OYO IPO: ओयो होटल्स अपने उन शेयरों को कम कर रहा है जिन्हें वह स्टॉक-मार्केट डेब्यू के तहत पेश करने वाला था. कंपनी ने इसमें लगभग दो-तिहाई की कटौती की है. इसके संस्थापक द्वारा तकनीकी मूल्यांकन में गिरावट के बाद भी बिक्री को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.

इस मामले से जुड़े लोगों ने बताया कि कंपनी इस सप्ताह नए IPO दस्तावेज तैयार कर सकती है. इन लोगों ने आंतरिक मामलों पर ज्यादा चर्चा नहीं की. योजना से साफ जाहिर है कि कंपनी के 29 वर्षीय संस्थापक रितेश अग्रवाल, होटल और लॉजिंग बुकिंग कंपनी और खुद पर वित्तीय दबाव को कम करने के लिए कमजोर शर्तों पर भी आईपीओ को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.

इससे पहले आई रिपोर्ट में कहा गया था कि आतिथ्य एवं यात्रा सेवाएं देने वाले प्रौद्योगिकी मंच ओयो को वित्त वर्ष 2022-23 में अपना राजस्व 5,700 करोड़ रुपये से अधिक रहने की उम्मीद है. ओयो के संस्थापक एवं समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रितेश अग्रवाल ने बीते सोमवार को अपने कर्मचारियों के साथ संवाद के दौरान यह संभावना जताई थी.

अग्रवाल ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष का राजस्व एक साल पहले की तुलना में 19 प्रतिशत बढ़कर 5,700 करोड़ रुपये से अधिक रह सकता है. इसके पहले वित्त वर्ष 2021-22 में ओयो ने 4,780 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था. इसके साथ ही अग्रवाल ने कहा था कि ओयो को अगले वित्त वर्ष में समायोजित एबिटा आय करीब 800 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है. एबिटा आय का मतलब ब्याज, कर, ह्रास एवं कटौती से पहले की आय है.

उन्होंने कहा कि भारत, इंडोनेशिया, अमेरिका एवं ब्रिटेन में सतत वृद्धि और यूरोप के वैकेशन होम कारोबार के भी अच्छा प्रदर्शन करने से कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है. उन्होंने कहा कि कंपनी का नकद प्रवाह बेहतर होने से बाह्य वित्त पर निर्भरता में भी कमी आई है. इस बारे में संपर्क किए जाने पर ओयो के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था.

ओयो ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए बाजार नियामक सेबी के समक्ष पेश दस्तावेज के मसौदे में कहा था कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में उसका समायोजित एबिटा 63 करोड़ रुपये रहा. सेबी ने ओयो को कुछ अद्यतन जानकारियों के साथ आईपीओ आवेदन नए सिरे से दाखिल करने को कहा था. ओयो ने सितंबर, 2021 में 8,430 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने से संबंधित प्रारंभिक आवेदन सेबी के पास किया था. हालांकि, बाजार में जारी उतार-चढ़ाव से इस आईपीओ को टाल दिया गया है.

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(एजेंसी इनपुट के साथ)

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