Ratan Tata: कभी खेतों में काम करने वाला शख्स रतन टाटा के संपर्क में आया तो देखते ही देखते उनका सबसे खास बन गया. वहां से उसकी जिंगदी ने ऐसा पलटा मारा कि आज उसने मुंबई में मुकेश अंबानी के पड़ोस में घर खरीद लिया है. क्या आप जानते हैं कौन है वो?
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N Chandrasekaran Life Journey: किसान परिवार में पैदा हुए और जरूरत पड़ी तो खेतों में भी काम किया. शायद ही उन्होंने कभी खुद सोचा हो कि एक दिन वो भी आएगा जब मुंबई में वो और उनका परिवार एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी के पड़ोस में रहेंगे. यह होना आसान नहीं था लेकिन नियति को कुछ ऐसा ही मंजूर था और वो हुआ. देश के सबसे बड़े कारोबारी समूह टाटा ग्रुप में करियर शुरू करने वाले एन चंद्रशेखरन (N Chandrasekaran) ने टीसीएस में नौकरी की शुरुआत की. देखते ही देखते अपने काम और व्यवहार के दम पर उनकी गिनती रतन टाटा के खास माने जाने वाले लोगों में होने लगी. बस यही से उनकी जिंदगी का पहिया घूमा और उन्हें टाटा ग्रुप की सबसे बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी गई. इस जिम्मेदारी को बखूबी संभालने के बाद उनकी सैलरी में इतना जबरदस्त उछाल आया कि आज वह और उनका परिवार एंटीलिया के पड़ोस में रहता है.
सरकारी स्कूल में की थी शुरुआती पढ़ाई
लेकिन शायद ही आपको एन चंद्रशेखरन की जिंदगी की शुरुआती के बारे में पता हो. चंद्रशेखरन को बिजनेस की दुनिया में प्यार से 'चंद्रा' बुलाते हैं. उनकी जिंदगी से जुड़ी कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है. वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनका जन्म 1963 में तमिलनाडु के मोहनूर (Mohanur) में हुआ था. उनके माता-पिता पेशे से किसान थे. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल में की. इसके बाद उन्होंने कोयम्बटूर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने तिरुचिरापल्ली के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से एमसीए किया.
46 साल की उम्र में TCS के सीईओ बने
चंद्रशेखरन शुरुआत से ही बहुत मेहनती और होशियार थे. उन्होंने 1987 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में बतौर इंटर्न अपना काम शुरू किया था. उनके काम में उनकी प्रतिभा अलग से दिखाई देती थी. यही कारण है कि वह बहुत जल्दी कंपनी में बड़े पद पर पहुंच गए. साल 2007 में उन्हें कंपनी का चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बनाया गया. इसके दो साल बाद यानी 2009 में 46 साल की उम्र में वह वो TCS के सीईओ बन गए. जब रतन टाटा ने टाटा संस की जिम्मेदारी छोड़ने का फैसला किया तो उन्होंने चंद्रशेखरन को कंपनी का चेयरमैन बनाया. यह जिम्मेदारी उनको इसलिए दी गई क्योंकि रतन टाटा उन पर बहुत भरोसा करते हैं.
109 करोड़ रुपये की सैलरी
चंद्रशेखरन (Chandrasekaran) यह जिम्मेदारी मिलने के बाद टाटा ग्रुप में लगातार अच्छा काम किया. यह उनको होने वाली कमाई से भी पता चलता है. 2019 में उनकी सैलरी 65 करोड़ रुपये थी, जो कि 2021-2022 में बढ़कर 109 करोड़ रुपये हो गई. 2020 में उन्होंने मुंबई में 98 करोड़ रुपये का बड़ा फ्लैट खरीदा. यह फ्लैट मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के घर एंटीलिया के पास ही है. इस कारण भी वह अक्सर खबरों में बने रहते हैं.
बराक ओबामा से बातचीत में बताया सच
चंद्रशेखरन की मेहनत के दम पर कामयाबी ने उनके कदम चूमे हैं. इतने बड़े पद पर होने के बावजूद वह बहुत ही साधारण व्यक्ति हैं. उन्होंने अपनी जिंदगी के बारे में बहुत कम लोगों को बताया है. लेकिन एक डॉक्यूमेंट्री में उन्होंने अपने बारे में कुछ बातें बताईं. इस डॉक्यूमेंट्री का नाम 'वर्किंग: व्हाट वी डू ऑल डे' है. इसमें उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से बात की थी. उनसे बातचीत के दौरान चंद्रशेखरन ने बताया था कि बचपन में गांव में रहते थे और खेती-बाड़ी करके परिवार के साथ गुजर-बसर करते थे. यहां से उन्होंने बहुत मेहनत की और एक बड़े कारपोरेट ग्रुप के लीडर बन गए.