Food Price Volatility: महंगाई में कमी की रफ्तार सुस्त होने से मौद्रिक नीति अधिकारियों के बीच सतर्कता बढ़ रही है. इस लेख में बैंक जमाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सावधि जमाओं पर बढ़ते रिटर्न के बीच जमाओं में बढ़ोतरी उच्च स्तर पर रही है.
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Inflation Rate: रिटेल महंगाई के लगातार दूसरे महीने 4 प्रतिशत से नीचे रहने के बावजूद खाद्य कीमत में उतार-चढ़ाव रिस्क बना हुआ है. रिजर्व बैंक की तरफ से जारी एक बुलेटिन में यह बात कही गई है. रिजर्व बैंक के सितंबर बुलेटिन के एक लेख में यह भी कहा गया कि घरेलू खपत दूसरी तिमाही में तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि महंगाई दर में कमी आ रही है और ग्रामीण मांग में भी सुधार हो रहा है. बुलेटिन में 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर आर्टिकल में कहा गया है, 'खुदरा महंगाई दर अगस्त में लगातार दूसरे महीने रिजर्व बैंक के टारगेट से नीचे रही. लेकिन हाल के अनुभव को ध्यान में रखते हुए खाद्य कीमतों में उतार-चढ़ाव एक रिस्क जोखिम बना हुआ है.'
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा की अगुवाई वाली टीम के लिखे इस लेख के मुताबिक भारत में निजी खपत और सकल स्थिर निवेश मजबूत बना रहा और इस वित्त वर्ष की अप्रैल-जून अवधि में जीडीपी की वृद्धि को शुद्ध निर्यात से भी समर्थन मिला. इस दौरान कृषि के खराब प्रदर्शन की भरपाई विनिर्माण और सेवा क्षेत्र ने की. इसके मुताबिक, वैश्विक आर्थिक गतिविधि धीमी पड़ रही है. महंगाई में कमी की रफ्तार सुस्त होने से मौद्रिक नीति अधिकारियों के बीच सतर्कता बढ़ रही है. इस लेख में बैंक जमाओं का जिक्र करते हुए कहा गया है कि सावधि जमाओं पर बढ़ते रिटर्न के बीच जमाओं में बढ़ोतरी उच्च स्तर पर रही है.
जून 2024 में सालाना आधार पर 16.6 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. कुल जमाओं में बचत जमा की हिस्सेदारी एक साल पहले के 31.8 प्रतिशत से घटकर जून 2024 में 29.8 प्रतिशत हो गई. आरबीआई के लेख के मुताबिक, सात प्रतिशत से अधिक ब्याज दर की पेशकश करने वाली सावधि जमाओं की हिस्सेदारी जून 2024 में बढ़कर 66.9 प्रतिशत हो गई, जो मार्च 2023 में 33.5 प्रतिशत और मार्च 2022 में 4.5 प्रतिशत थी. लेख में कहा गया है कि ऊर्जा परिदृश्य पर हाल के शोध से संकेत मिलता है कि ऊर्जा बदलाव में तेजी आई है, स्वच्छ प्रौद्योगिकी के उपयोग और पूंजी निवेश की गति रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है.
लेख कहता है, 'जीवाश्म ईंधन (कोयला आदि) के वर्चस्व का दौर खत्म हो रहा है, इस दशक के अंत तक वैश्विक स्तर पर बिजली उत्पादन में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत को पार कर जाने की उम्मीद है.' रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और उसके आधिकारिक विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.