Budget 2023: किसानों की आमदनी होगी दोगुनी, बजट से पहले आई बड़ी खुशखबरी, वित्त मंत्री ने दी ये बड़ी जानकारी!
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Budget 2023: किसानों की आमदनी होगी दोगुनी, बजट से पहले आई बड़ी खुशखबरी, वित्त मंत्री ने दी ये बड़ी जानकारी!

FM Nirmala Sitharaman on Farmers Income: 1 फरवरी को देश का बजट (Budget 2023) पेश किया जाएगा. इस बार के बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर (Agriculture Sector) के लिए सरकार कई खास प्लान बना रही है. किसानों की इनकम को दोगुना करने के लिए इस बार के बजट में खास ऐलान हो सकते हैं. 

Budget 2023: किसानों की आमदनी होगी दोगुनी, बजट से पहले आई बड़ी खुशखबरी, वित्त मंत्री ने दी ये बड़ी जानकारी!

Agriculture Sector Growth: 1 फरवरी को देश का बजट (Budget 2023) पेश किया जाएगा. इस बार के बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर (Agriculture Sector) के लिए सरकार कई खास प्लान बना रही है. किसानों की इनकम को दोगुना करने के लिए इस बार के बजट में खास ऐलान हो सकते हैं. देश के कृषि सेक्टर में 6 सालों में 4.6 फीसदी की औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ वृद्धि दर्ज की गई है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) 2022-23 में इस बारे में जानकारी दी है. 

वित्त मंत्री ने दी जानकारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि और संबद्ध गतिविधियों के क्षेत्र को देश के समग्र विकास व खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाया है. इसके अलावा हाल के वर्षों में देश कृषि उत्पादों के निर्यातक के रूप में उभरा है. इसका निर्यात 2021-22 में 50.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के रिकॉर्ड को छू गया है.

इकोनॉमिक सर्वे में दी जानकारी
सर्वेक्षण में इस क्षेत्र की वृद्धि और उछाल का श्रेय फसल और पशुधन उत्पादकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों, मूल्य समर्थन (MSP) के माध्यम से किसानों को रिटर्न की निश्चितता सुनिश्चित करने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्रित हस्तक्षेपों को दिया गया है. लोन उपलब्धता, मशीनीकरण की सुविधा और बागवानी और जैविक खेती से भी कृषि क्षेत्र मे उछाल आया है.

आय दोगुनी करने के लिए की ये सिफारिशें
इकोनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि ये हस्तक्षेप किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी समिति की सिफारिशों के अनुरूप हैं. सर्वेक्षण में कहा गया है कि सरकार कृषि वर्ष 2018-19 के बाद से खरीफ, रबी और अन्य वाणिज्यिक फसलों के लिए एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत से कम से कम 50 फीसदी के मार्जिन के साथ बढ़ा रही है. दलहन और तिलहन को अपेक्षाकृत अधिक एमएसपी दिया गया, ताकि बदलते आहार पैटर्न के साथ तालमेल बिठाया जा सके और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल किया जा सके.

18.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा
सरकार ने 2022-23 में कृषि ऋण प्रवाह में 18.5 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है. सरकार ने इस लक्ष्य को हर साल लगातार बढ़ाया और वह पिछले कई सालों से हर साल तय किए गए लक्ष्य को लगातार पार करने में भी सफल रही है. 2021-22 में यह 16.5 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से करीब 13 फीसदी ज्यादा था.

किसान क्रेडिट कार्ड की मिली सुविधा
सर्वेक्षण से पता चलता है कि यह उपलब्धि इसलिए संभव हुई, क्योंकि सरकार ने प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर किसानों को परेशानी मुक्त ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कई पहल की है. किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) योजना जो किसी भी समय ऋण प्रदान करती है और संशोधित ब्याज अनुदान योजना, जो रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का अल्पावधि कृषि ऋण प्रदान करती है.

3.89 करोड़ किसानों को मिले क्रेडिट कार्ड
दिसंबर 2022 तक 4,51,672 करोड़ रुपये की केसीसी सीमा के साथ 3.89 करोड़ पात्र किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं. भारत सरकार द्वारा 2018-19 में मत्स्य पालन और पशुपालन किसानों को केसीसी सुविधा का विस्तार करने के साथ, अब 1.0 लाख से अधिक (17 अक्टूबर, 2022 तक) केसीसी मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए और 9.5 लाख (4 नवंबर, 2022 तक) पशुपालन क्षेत्र के लिए स्वीकृत किए गए हैं.

सर्वेक्षण में बताया गया है कि 11.3 करोड़ किसानों को पीएम किसान सम्मान योजना के अप्रैल-जुलाई 2022-23 चक्र के तहत सरकार से आय समर्थन प्राप्त हुआ. इस योजना ने पिछले तीन वर्षों में जरूरतमंद किसानों को 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की सहायता प्रदान की है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान द्वारा एक अनुभवजन्य अध्ययन में पाया गया कि इस योजना ने कृषि आदानों को खरीदने के लिए किसानों की तरलता की कमी को दूर करने में मदद की है, विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों को उनकी जरूरतों को पूरा करने में मदद की है.

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