Cumin Prices Hike : क्रिसिल के मुताबिक, रबी सत्र 2021-2022 के दौरान जीरा का रकबा भी साल-दर-साल अनुमानित रूप से 21 प्रतिशत घटकर 9.83 लाख हेक्टेयर रह गया. रकबे में गिरावट किसानों द्वारा सरसों और चने की फसलों का रुख करने के कारण हुई है.
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Cumin Prices Hike : पेट्रोल और नींबू के बाद अब जीरे का भाव भी बढ़ सकता है. बुआई का रकबा कम होने और ज्यारा बारिश के कारण जीरे की फसल को नुकसान होने से कीमत 30-35 प्रतिशत तक बढ़कर 5 साल के उच्चतम स्तर तक पहुंच सकती हैं. क्रिसिल रिसर्च ने की तरफ से एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उपज कम होने से जीरा के भाव 165-170 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकते हैं.
फसल सत्र 2021-22 (नवंबर-मई) में कई कारणों से जीरे का उत्पादन कम रहने की आशंका है, जिससे जीरा की कीमतें 5 साल के उच्च स्तर तक जा सकती हैं. क्रिसिल का अनुमान है कि रबी सत्र 2021-2022 में जीरे की कीमतें 30-35 प्रतिशत बढ़कर 165-170 रुपये प्रति किलोग्राम को छू सकती हैं.
क्रिसिल के मुताबिक, रबी सत्र 2021-2022 के दौरान जीरा का रकबा भी साल-दर-साल अनुमानित रूप से 21 प्रतिशत घटकर 9.83 लाख हेक्टेयर रह गया. दो प्रमुख जीरा उत्पादक राज्यों में से गुजरात में इसकी खेती के रकबे में 22 प्रतिशत और राजस्थान में 20 प्रतिशत की गिरावट आई है.
रिपोर्ट के अनुसार, रकबे में गिरावट किसानों द्वारा सरसों और चने की फसलों का रुख करने के कारण हुई है. सरसों और चना की कीमतों में उछाल आने से किसान उनकी खेती के लिए आकर्षित हुए हैं.