चीन से मोह भंग, भारत पर फिदा हो रहे विदेशी निवेशक, एक साल के आंकड़े देश ड्रैगन की हालत खराब
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चीन से मोह भंग, भारत पर फिदा हो रहे विदेशी निवेशक, एक साल के आंकड़े देश ड्रैगन की हालत खराब

China Vs India Stock Market: चीन का शेयर बाजार भारी दवाब में है. घरेलू से लेकर विदेशी निवेशकों (FII) ने पैसा निकालना शुरू कर दिया है. आलम ये है कि बड़ी संख्या में विदेशी निवेशकों ने चीन के शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है. इन निवेशकों के लिए भारत नया ठिकाना बन रहा है. 

china vs indian share market

China Economy Crisis: चीन की अर्थव्यवस्था ( China Economy)  की पोल खुलने लगी है. खस्ताहाल इकोनॉमी अब चीनी शेयर मार्केट (China Share market) के नजर में भी आने लगा है. चीन की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां दिवालिया हो रही है. एवरग्रांड, कंट्री गार्डन जैसे बड़ी कंपनियां बिकने के कगार पर पहुंच गई है. आशंका जताई जा रही है कि रियल एस्टेट कंपनियों के दिवालिया होने से वहां के बैंकिंग सेक्टर धराशाई हो सकती है. ऐसे में शेयर बाजार पर भारी बिकवाली हावी हो गई है. चीन का शेयर बाजार भारी दवाब में है. घरेलू से लेकर विदेशी निवेशकों (FII) ने पैसा निकालना शुरू कर दिया है. आलम ये है कि बड़ी संख्या में विदेशी निवेशकों ने चीन के शेयर बाजार से पैसा निकालना शुरू कर दिया है. इन निवेशकों के लिए भारत नया ठिकाना बन रहा है. वहीं गिरते बाजार को संभालने के लिए जिनपिंग सरकार की कोशिशें जारी है. 

क्या कम होगी चीन की मुश्किल 

चीन की सरकार ने गिरते बाजार को बचाने के लिए नई कोशिश शुरू की है. हैरान करने वाले फैसलों के लिए जिनपिंग जाने जाते हैं. ऐसा ही एक फैसला उन्होंने शेयर बाजार को लेकर लिया है. चीन की सरकार ने सिक्योरिटीज मार्केट रेगुलर के हेड को बदल दिया. बाजार में भारी बिकवाली को देखते हुए सरकार ने बैंकिंग एक्सपर्ट वू क्विग (Wu Qing) को चाइना सिक्योरिटीज रेगुलेटरी कमीशन का नया चेयरमैन बना दिया है. दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट चीन इन दिनों अपने शेयर बाजार की गिरावट से परेशान है. बीते 3 सालों में चीन के शेयर बाजार में 7 लाख करोड़ डॉलर की गिरावट आ चुकी है. चीनी सरकार की पाबंदियों और सख्त रवैये से विदेशी निवेशक परेशान हैं.  अब वो चीन से किनारा कर भारत में निवेश बढ़ा रहे हैं. 

भारत की चांदी  
चीन से दूरी बना रहे विदेशी निवेशकों के लिए भारत बड़ा विकल्प बनकर उभर रहा है. भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. भारत के इकोनॉमी ग्रोथ को देखते हुए विदेशी निवेशकों का झुकाव भारत की ओर बढ़ रहा है. वहीं निवेशकों को उम्मीद है कि तीसरी बार मोदी सरकार बनेगी और अर्थव्यवस्था को पंख लगेंगे. चीन की अनिश्चिताओं और भारत के विकास को देखते हुए निवेश चीन को छोड़ भारत का रुख कर रहे हैं.  

भारतीय बाजार में कितना विदेशी निवेश  

भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड विदेशी निवेश बढ़ा है. इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं साल 2024 के पहले हफ्ते में ही विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का निवेश 4000 करोड़ से ज्यादा हो गया. पीटीआई के मुताबिक एफपीआई ने जनवरी 2024 में 4800 करोड़ का निवेश किया. वहीं बीते साल की बात करें तो साल 2023 में विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में 2.4 लाख करोड़ का निवेश किया, जिसमें से 1.71 लाख करोड़ शेयरों में, 68663 करोड़ रुपये बॉन्ड मार्केट में किया.  

 

 

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