BIS: पर्यावरण मंत्रालय से किसी भी प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी को इस तरह का प्रमाणपत्र नीं देने का सुझाव दिया है. बीआईएस (BIS) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि प्लास्टिक पूरी तरह नष्ट होने वाली चीज नहीं है.
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Bureau of Indian Standards: ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) ने प्लास्टिक के पूरी तरह नष्ट हो जाने वाले दावों को 'भ्रामक विज्ञापन' बताया है. साथ ही पर्यावरण मंत्रालय से किसी भी प्लास्टिक बनाने वाली कंपनी को इस तरह का प्रमाणपत्र नीं देने का सुझाव दिया है. बीआईएस (BIS) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि प्लास्टिक पूरी तरह नष्ट होने वाली चीज नहीं है. अगर कोई निर्माता इस तरह का दावा करता है तो उसे भ्रामक विज्ञापन के समान माना जाएगा.
भारत समेत कई देशों में अब भी जारी
तिवारी ने कहा, 'प्लास्टिक के पूरी तरह नष्ट होने का फैक्ट अभी तक स्थापित नहीं हुआ है. इस बारे में रिसर्च भारत समेत कई देशों में अब भी जारी हैं. ऐसी स्थिति में पर्यावरण मंत्रालय को प्लास्टिक के शत-प्रतिशत नष्ट हो जाने संबंधी कोई भी प्रमाणपत्र जारी नहीं करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ हाल ही में हुई एक बैठक में प्लास्टिक के नाशवान उत्पाद होने के बारे में बीआईएस (BIS) की राय से अवगत कराया गया.
बीआईएस (BIS) महानिदेशक ने कहा, 'कुछ प्लास्टिक निर्माता यह दावा कर रहे हैं कि उनके प्लास्टिक उत्पाद जैविक रूप से नष्ट होने वाले हैं. हमने मंत्रालय को कहा कि वह इस तरह का कोई भी प्रमाणपत्र न दे क्योंकि इस बारे में अभी शोध जारी है.'
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