अमेरिका ने चीनी सामानों पर लगाया 100 फीसदी इंपोर्ट टैक्स, क्या फिर शुरू होगा ट्रेड वॉर ?
Advertisement
trendingNow12249233

अमेरिका ने चीनी सामानों पर लगाया 100 फीसदी इंपोर्ट टैक्स, क्या फिर शुरू होगा ट्रेड वॉर ?

दुनिया की दो महाशक्ति ट्रेड वॉर के मुहाने पर खड़ी है. अमेरिका ने चीनी सामानों के इंपोर्ट पर 100 फीसदी टैक्स लगा दिया है. अमेरिका के इस कदम से चीन के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है.  आर्थिक संकटों से जूझ रहे चीन को बड़ा झटका लगा है.

us china

US-China Trade: दुनिया की दो महाशक्ति ट्रेड वॉर के मुहाने पर खड़ी है. अमेरिका ने चीनी सामानों के इंपोर्ट पर 100 फीसदी टैक्स लगा दिया है. अमेरिका के इस कदम से चीन के लिए नई चुनौती खड़ी हो गई है.  आर्थिक संकटों से जूझ रहे चीन को बड़ा झटका लगा है. घरेलू मैन्‍युफैक्‍चरिंग को बढ़ावा देने के लिए बाइडेन सरकार ने चीनी सामानों पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर 100% तक कर दी है. जो बाइडेन के इस फैसले से सालाना 18 बिलियन डॉलर के ट्रेड पर असर पड़ सकता है. वहीं जानकारों का कहना है कि इस फैसले से दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर छिड़ने की आशंका बढ़ गई है.  

चीनी सामानों पर 100 फीसदी टैक्स  
 
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने चीनी इलेक्ट्रिक व्हीक्ल्स , बैटरी, स्टील, सौलर सेल और एल्यूमीनियम पर भारी शुल्क लगाया है. उन्होंने कहा कि यह कदम सुनिश्चित करेगा कि अनुचित ट्रेड कल्चर का का असर अमेरिकी श्रमिकों पर न पड़े. चीन से आने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर 100 प्रतिशत शुल्क, सेमीकंडक्टर पर 50 प्रतिशत शुल्क और प्रत्येक इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है. 

व्हाइट हाउस के रोज़ गार्डन से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में बाइडन ने कहा कि अमेरिका अपनी इच्छानुसार किसी भी प्रकार की कार खरीदना जारी रख सकता है, लेकिन हम चीन को इन कार के बाजार को गलत तरीके से नियंत्रित करने की अनुमति कभी नहीं देंगे. राष्ट्रपति  जो बाइडेन ने कहा कि मैं चीन के साथ निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा चाहता हूं, संघर्ष नहीं. हम चीन के खिलाफ 21वीं सदी की आर्थिक प्रतिस्पर्धा में जीत हासिल करने के लिए किसी अन्य की तुलना में अधिक मजबूत स्थिति में हैं. 

जो बाइडन ने आरोप लगाया कि सालों से, चीनी सरकार ने उद्योगों की एक पूरी श्रृंखला में चीनी कंपनियों में देश का पैसा लगाया है.स्टील और एल्यूमीनियम,सेमीकंडक्टर, इलेक्ट्रिक वाहन, सौर पैनल और यहां तक ​​कि दस्ताने और मास्क जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उत्पाद. उन्होंने कहा कि चीन ने इन सभी उत्पादों पर भारी सब्सिडी दी, जिससे चीनी कंपनियों को बाकी दुनिया की तुलना में कहीं अधिक उत्पादन करने के लिए प्रेरित किया गया. फिर अतिरिक्त उत्पादों को अनुचित रूप से कम कीमतों पर बाजार में लाना (डंप करना), दुनिया भर के अन्य निर्माताओं को व्यवसाय से बाहर कर देना. बाइडन ने कहा कि कीमतें अनुचित रूप से कम हैं क्योंकि चीन की कंपनियों को लाभ के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि चीन की सरकार ने उन्हें सब्सिडी दी है.  

TAGS

Trending news