ब‍िकने की कगार पर एक और सीमेंट कंपनी, खरीदने की दौड़ में अडानी समेत 3 द‍िग्‍गज शाम‍िल
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ब‍िकने की कगार पर एक और सीमेंट कंपनी, खरीदने की दौड़ में अडानी समेत 3 द‍िग्‍गज शाम‍िल

ABG Shipyard Group Company: मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने दावा क‍िया क‍ि अदालत कंपनी के एसेट बेचने की प्रक्र‍िया से न‍िराश है. अब कोर्ट ने सीमेंट कंपनी की लोन समाधान प्रक्रिया को आईबीसी में ट्रांसफर करने पर सहमति जताई है.

ब‍िकने की कगार पर एक और सीमेंट कंपनी, खरीदने की दौड़ में अडानी समेत 3 द‍िग्‍गज शाम‍िल

Vadraj Cement Insolvency Process: एक और सीमेंट कंपनी का जल्‍द सौदा होने की उम्‍मीद है. एबीजी शिपयार्ड ग्रुप की कंपनी वदराज सीमेंट को इनसॉल्‍वेंसी और बैंकरप्‍सी कोड (Insolvency and Bankruptcy Code process) की प्रक्र‍िया के तहत बेचा जाएगा. इकोनॉम‍िक टाइम्स में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार कंपनी के संभाव‍ित खरीदारों में अडानी ग्रुप, सज्जन जिंदल के माल‍िकाना हक वाली जेएसडब्ल्यू सीमेंट और आर्सेलरमित्तल ग्रुप शामिल हैं. इन तीनों द‍िग्‍गजों के बीच कंपनी को खरीदने को लेकर ब‍िड‍िंग वार छ‍िड़ सकता है.

आईबीसी में ट्रांसफर करने पर सहमति जताई

अगस्त 2018 में ट्रेड ब्यूमर टेक्नोलॉजी इंडिया के बकाया का भुगतान करने के ल‍िए बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने वदराज सीमेंट को बंद करने का आदेश दिया था. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने दावा क‍िया क‍ि अदालत कंपनी के एसेट बेचने की प्रक्र‍िया से न‍िराश है. अब कोर्ट ने सीमेंट कंपनी की लोन समाधान प्रक्रिया को आईबीसी में ट्रांसफर करने पर सहमति जताई है.

अंतर‍िम प्रोफेशनल न‍ियुक्‍त करने की बात कही
ईटी में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार एक बैंक की याचिका के आधार पर, हाई कोर्ट ने 4 सितंबर के आदेश में समापन कार्यवाही को एनसीएलटी में ट्रांसफर करने की मंजूरी दे दी है. वदराज की दिवालियापन प्रक्रिया के लिए कर्जदाता ने ईवाई के पुलक‍ित गुप्‍ता को द‍िवाल‍ियापन प्रक्र‍िया के ल‍िए अंतर‍िम प्रोफेशनल न‍ियुक्‍त करने की बात कही है. अभी इस बारे में आध‍िकार‍िक बयान नहीं द‍िया गया है.

इस बारे में जेएसडब्ल्यू सीमेंट और आर्सेलर मित्तल की तरफ से क‍िसी भी प्रकार की टिप्पणी से इंकार कर द‍िया गया है. अडानी ग्रुप की तरफ से ईटी के मेल का जवाब नहीं दिया गया है. कर्जदाताओं को उम्‍मीद है क‍ि खरीदारों की तरफ से 2,000 करोड़ से लेकर 2,500 करोड़ रुपये की पेशकश की जा सकती है. कंपनी पर 7,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. कंपनी को लोन देने वालों में पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक और यस बैंक हैं.

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