Adani-Hindenburg Case: अडानी ग्रुप से जुड़े मामले में सुनवाई टली, SEBI को टैक्स हेवन देशों के जवाब का इंतजार
Advertisement
trendingNow11846322

Adani-Hindenburg Case: अडानी ग्रुप से जुड़े मामले में सुनवाई टली, SEBI को टैक्स हेवन देशों के जवाब का इंतजार

Supreme Court on Adani Group: सेबी की तरफ से 25 अगस्‍त को प्रस्‍तुत की गई र‍िपोर्ट में उच्‍चतम न्‍यायालय में दावा क‍िया गया क‍ि अडानी ग्रुप के खिलाफ दो आरोपों को छोड़कर सभी की जांच पूरी कर ली गई है.

 

Adani-Hindenburg Case: अडानी ग्रुप से जुड़े मामले में सुनवाई टली, SEBI को टैक्स हेवन देशों के जवाब का इंतजार

Adani Group Investigation: अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई स्‍थग‍ित कर दी है. यह सुनवाई इस मामले में सेबी (SEBI) की तरफ से दी गई जांच र‍िपोर्ट पर 29 अगस्‍त को होनी थी. इससे पहले 25 अगस्त सेबी की तरफ से जनवरी में अडानी ग्रुप पर ह‍िंडनबर्ग र‍िसर्च की तरफ से लगाए गए आरोपों पर सेबी (Sebi) ने अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. पहले सेबी (Sebi) से र‍िपोर्ट को 14 अगस्त तक जमा कराने के ल‍िए कहा गया था. बाद में सेबी ने इस पर 15 दिन का विस्तार मांगा और 25 अगस्त को अपनी स्‍थ‍िति रिपोर्ट प्रस्तुत की.

'टैक्‍स हेवन' देशों के जवाब का इंतजार करेगा सेबी

सेबी की तरफ से पांच 'टैक्‍स हेवन' देशों के जवाब पर इंतजार करने के ल‍िए कहा गया है. सेबी की तरफ से 25 अगस्‍त को प्रस्‍तुत की गई र‍िपोर्ट में उच्‍चतम न्‍यायालय में दावा क‍िया गया क‍ि अडानी ग्रुप के खिलाफ दो आरोपों को छोड़कर सभी आरोपों की जांच पूरी कर ली गई है. अडानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करने वाली विदेशी कंपनियों के असली मालिकों के बारे में पांच देशों से जानकारी आने का इंतजार है.

24 में से 22 मामलों का अंतिम निष्कर्ष आया
सेबी (SEBI) ने इस दौरान अदालत में यह भी स्‍वीकार क‍िया क‍ि अडानी ग्रुप से संबंधित जिन 24 मामलों की जांच चल रही है, उनमें से 22 मामलों का अंतिम निष्कर्ष आ चुका है. हालांक‍ि सेबी की तरफ से जांच के नतीजों की जानकारी नहीं दी गई. सेबी (SEBI) ने रिपोर्ट में कहा, 'जांच के नतीजों के आधार पर कानून के अनुरूप उचित कार्रवाई की जाएगी.' विदेशी फर्जी कंपनियों के जरिये अपनी ही कंपनियों में निवेश करके न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी के प्रावधान का उल्लंघन करने के आरोप पर सेबी (SEBI) ने कहा कि इस मामले में 13 विदेशी संस्थाएं शामिल हैं, ज‍िनमें 12 एफपीआई (FPI) और एक विदेशी कंपनी है.

अमेरिकी र‍िसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में इनमें से कुछ इकाइयों को अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी द्वारा संचालित या उनकी सहयोगी बताया गया था. सेबी की तरफ से कहा गया क‍ि विदेशी निवेशकों से जुड़ी कई संस्थाओं के 'टैक्स हेवन' देशों में स्थित होने से 12 एफपीआई के शेयरधारकों के आर्थिक हित को स्थापित करना एक चुनौती बनी हुई है.' इन देशों में पंजीकृत कंपनियों पर बहुत कम या क‍िसी तरह का टैक्‍स नहीं लगाया जाता.

हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों के भाव में हेराफेरी करने और खाते बहीखाते में धोखाधड़ी के अलावा विदेशी फर्मों के जरिये हस्तक्षेप के आरोप लगाए गए थे. इन आरोपों के बाद ग्रुप की कंपनियों के मार्केट कैप में दो महीने के अंदर 150 अरब डॉलर तक की भारी गिरावट आ गई थी. हालांकि अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा था कि यह रिपोर्ट उसे निशाना बनाने की नीयत से जारी की गई. ग्रुप सभी नियामकीय प्रावधानों का पालन करता है.

Trending news