DA Hike Latest Update: अगर इस बार 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ता है तो जुलाई 2024 से लागू होने वाले भत्ता 50 प्रतिशत के पार निकलने की उम्मीद है. आइए जानते हैं इस बार 3 प्रतिशत के हिसाब से सैलरी में कितना इजाफा होगा?
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7th Pay Commission Latest Update: मोदी सरकार की तरफ से जल्द केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ी खुशखबरी दी जाने वाली है. सरकार की तरफ से जल्द महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का ऐलान किये जाने की संभावना है. इस बार डीए में किया गया इजाफा 1 जुलाई 2023 से लागू किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि इस बार सरकार की तरफ से नवरात्रि से पहले डीए बढ़ोतरी को लेकर ऐलान किया जा सकता है. हालांकि सरकार की तरफ से इसको लेकर किसी प्रकार का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.
42 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा
अभी केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार की तरफ से 42 प्रतिशत महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है. इस बार यह बढ़कर 42 से 45 प्रतिशत हो सकता है. इस बार महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत का इजाफा होने की उम्मीद की जा रही है. सातवे वेतन आयोग के नियमानुसार 50 प्रतिशत महंगाई भत्ता होने पर इसे बेसिक सैलरी में मर्ज कर दिया जाएगा. अगर इस बार 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ता है तो जुलाई 2024 से लागू होने वाले भत्ता 50 प्रतिशत के पार निकलने की उम्मीद है. आइए जानते हैं इस बार 3 प्रतिशत के हिसाब से सैलरी में कितना इजाफा होगा?
डीए हाइक का पूरा गणित
1.) यदि किसी कर्मचारी का वेतन 50,000 रुपये प्रति माह है और उसका मूल वेतन 25,000 रुपये है.
2.) ऐसे कर्मचारी को अभी हर महीने 10,500 रुपये का डीए मिल रहा होगा.
3.) 3 प्रतिशत के हाइक के बाद कर्मचारी का डीए बढ़कर 11,250 रुपये हो जाएगा.
4.) इस तरह हर महीने सैलरी में 750 रुपये (सालाना 9000 रुपये) का इजाफा होगा.
5.) ऐसे में यदि किसी कर्मचारी की सैलरी 50000 रुपये महीना है तो उसे सालाना 9000 रुपये का फायदा होगा. इसी के अनुसार पेंशनर्स को भी फायदा होगा.
जुलाई 2023 में जारी आंकड़ों के अनुसार, ऑल इंडिया सीपीआई 3.3 अंक बढ़कर 139.7 अंक पर पहुंच गया है. डीए हाइक को लेकर ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया था कि फेडरेशन की तरफ से महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत इजाफे की मांग की जा रही है. लेकिन इस बार सरकार की तरफ से 3 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की उम्मीद है. साल 2006 में केंद्र सरकार की तरफ से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए डीए और डीआर की गणना करने के फॉर्मूले को बदल दिया गया था.