Samudra Shastra Rajyog: राजयोग है या नहीं हथेली से चल जाएगा पता, ये रेखाएं हों तो मिलती है अकूत दौलत
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Samudra Shastra Rajyog: राजयोग है या नहीं हथेली से चल जाएगा पता, ये रेखाएं हों तो मिलती है अकूत दौलत

Rajyog in Palmistry: जिन लोगों की हथेली में राजयोग वाली रेखाएं होती हैं, वह अमीर नहीं बल्कि अकूत दौलत के मालिक बनते हैं. ऐसा इंसान भले ही गरीब घर में पैदा क्यों न हुआ हो, लेकिन गरीबी में मरता नहीं है. उसको हर सुख प्राप्त होता है. अब हम आपको हाथों में बनने वाले अमला योग, गजलक्ष्मी योग, शुभ योग, इंद्र राजयोग के बारे में बताने जा रहे हैं. 

Samudra Shastra Rajyog: राजयोग है या नहीं हथेली से चल जाएगा पता, ये रेखाएं हों तो मिलती है अकूत दौलत

Rajyog in Palmistry: जिंदगी में सुख-चैन ऐशो-आराम कौन नहीं चाहता. लोग इसके लिए ज्योतिष के पास जाकर कुंडली दिखवाते हैं. फिर उसके उपाय भी करते हैं. लेकिन कुंडली के अलावा हाथों की लकीरें देखकर भी मालूम किया जा सकता है कि राजयोग है या नहीं. जिन लोगों की हथेली में राजयोग वाली रेखाएं होती हैं, वह अमीर नहीं बल्कि अकूत दौलत के मालिक बनते हैं. ऐसा इंसान भले ही गरीब घर में पैदा क्यों न हुआ हो, लेकिन गरीबी में मरता नहीं है. उसको हर सुख प्राप्त होता है. अब हम आपको हाथों में बनने वाले अमला योग, गजलक्ष्मी योग, शुभ योग, इंद्र राजयोग के बारे में बताने जा रहे हैं. 

गजलक्ष्मी योग

जब हाथ में मणिबंध से शुरू होकर कोई रेखा शनि पर्वत तक जाती है और सूर्य रेखा गहरी और लालिमा लिए हो, सूर्य पर्वत उभरा हो. साथ में स्वास्थ्य रेखा, मस्तिष्क रेखा और आयु रेखा पुष्ट हो तो गजलक्ष्मी योग बनता है. ऐसे व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा रहती है.  

शुभ योग

जिसके हाथ में शनि पर्वत उठा हो, चंद्र पर्वत या फिर मणिबंध से निकलकर साफ रेखा यहां आकर ठहर रही हो तो इसको शुभ योग माना जाता है. ऐसे व्यक्ति की किस्मत घर से दूर जाकर चमकती है. ऐसे लोग बोलने में तेज होते हैं और प्रवक्ता, प्रवचनकर्ता या नेता बनते हैं और सफल होते हैं. इनको प्रसिद्धि और धन-ऐश्वर्य भी हासिल होता है.

अमला योग

यह शुक्र, चंद्र और सूर्य के प्रभाव से हथेली में बनता है. अगर ये तीनों पर्वत ऊंचे उठे हों और चंद्र पर्वत से कोई रेखा बुध तक गई हो तो अमला योग बनता है. ऐसा व्यक्ति बहुत मान-सम्मान पाता है और स्वभाव से रोमांटिक होता है. 

इंद्र राजयोग

ऐसे व्यक्ति के पास कभी वैभव की कमी नहीं होती. इनको कम उम्र में ही सफलता और शोहरत मिलती है. ये तब बनता है जब हथेली में मंगल पर्वत उभरा हो और भाग्य रेखा और मस्तिष्क रेखा पूरी तरह विकसित हो. ऐसे लोग साहसी, चालाक और बलशाली होते हैं. 

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