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Rudraksha Use: हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को बेहद पवित्र माना जाता है. पूजा, धार्मिक अनुष्ठान व मंत्रों के जप में इसका बेहद महत्व है. असली रुद्राक्ष मिलना बेहद कठिन होता है. इसे लेकर बाजार में लोग बड़े-बड़े दावे करते हैं लेकिन इसकी पहचान इससे लंबे वक्त से जुड़े लोगों को ही होती है. रुद्राक्ष के बारे में मान्यता है कि यह भगवान शिव के आंसुओं से बना है और इसे धारण करने से लाभ मिलता है. अनहोनी, अकाल मौत और दुश्मनों से रुद्रात्र रक्षा करता है. 14 मुखी रुद्राक्ष के साथ गौरी शंकर और गणेश रुद्राक्ष धारण करने के कई फायदे बताए गए हैं.
अध्यात्म से जुड़े जानकार लोग रुद्राक्ष को हमेशा लाल या पीले धागे में पहनने की सलाह देते हैं. इसे धारण करने के बाद स्वच्छता का ध्यान देना बेहद जरूरी हो जाता है. इसे पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार के दिन धारण करने की सलाह दी जाती है.
इसे धारण करते वक्त संख्या का भी ध्यान देना चाहिए. इसे एक, 27, 54 या 108 की संख्या में पहनना चाहिए. रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस और मदिरा से दूरी बना लेनी चाहिए. रुद्राक्ष को सोने, चांदी या तांबे के साथ भी पहन सकते हैं. किसी दूसरे व्यक्ति का उतारा हुआ रुद्राक्ष कभी नहीं पहनना चाहिए. सोते वक्त रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए.
रुद्राक्ष के फायदे
-शादी में आ रही अड़चन की समस्या में दो मुखी रुद्राक्ष और गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए.
-छात्रों के लिए पंच मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभकारी होता है. ये एकाग्रता के लिए भी सटीक उपाय है.
-एक मुखी या 11 मुखी रुद्राक्ष सेहत और आयु के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है.
-नौकरी के क्षेत्र में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए.
-बुरी आदत से बचने के लिए पंचमुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए. ध्यान देना चाहिए कि यह अक मुखी हो.
-भक्ति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष सबसे उत्तम बताया गया है.
राशि के अनुसार ऐसे करें धारण
अग्नि और तेज का स्वरूप तीन मुखी रुद्राक्ष मेष और वृश्चिक राशि वालों के लिए उत्तम बताया गया है. भगवान कार्तिकेय का स्वरूप छह मुखी रुद्राक्ष वृष और तुला राशि के लिए उत्तम होता है. ब्रह्मा जी का स्वरूप चार मुखी रुद्राक्ष मिथुन और कन्या राशि के लिए उत्तम होता है. अर्धनारीश्वर का स्वरूप दो मुखी रुद्राक्ष कर्क राशि के लिए उत्तम माना जाता है. शिव जी का स्वरूप एक मुखी रुद्राक्ष सिंह वालों के लिए उत्तम होता है. कालाग्नि या पांच मुखी रुद्राक्ष धनु और मीन राशि के लिए उत्तम बताया गया है. सप्तमातृका तथा सप्तऋषियों का स्वरूप सात मुखी रुद्राक्ष मकर और कुंभ राशि के लिए उत्तम होता है.