Garuda Purana in Hindi: महापुराण माने गए गरुड़ पुराण में जन्म-मृत्यु को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. साथ ही कुछ ऐसे कामों के बारे में बताया गया है, जिन्हें करना नरक जैसा दुख और कष्ट देता है.
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Garuda Purana Niti in Hindi: सनातन धर्म में गरुड़ पुराण को महापुराण का दर्जा दिया गया है. आमतौर पर गरुड़ पुराण परिवार में किसी परिजन की मृत्यु पर ही गरुड़ पुराण का पाठ किया जाता है. लेकिन गरुड़ पुराण में जन्म से लेकर मृत्यु तक और सुखी जीवन पाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. यदि इन बातों का पालन किया जाए तो व्यक्ति इस जन्म में सुखी, सफल जीवन जी सकता है. साथ ही अच्छे कर्म करके अपने अगले जन्म को भी बेहतर बना सकता है.
बुरे कर्म कई जन्मों तक नहीं छोड़ते पीछा
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में बुरे कर्म करता है. वह इस जीवन में तो किसी न किसी तरह उसके बुरे नतीजे भुगतता ही है. साथ ही मरने के बाद भी ये बुरे कर्म उसका पीछा नहीं छोड़ते हैं. बल्कि उसे मरने के बाद भी अपने बुरे कर्मों का फल भुगतना पड़ता है. उसकी आत्मा को नरक में बहुत कष्ट भुगतने पड़ते हैं. व्यक्ति को अपने बुरे कर्मों के अनुसार नरक में सजा मिलती है.
ना करें ऐसे बुरे कर्म
- गरुड़ पुराण के अनुसार, जो लोग किसी दूसरों का पैसा लूटते हैं, धोखा देते हैं, चालाकी से धन हड़प लेते हैं. मृत्यु के बाद ऐसे व्यक्ति की आत्मा को यमदूत रस्सी से बांधकर खूब पीटते हैं. साथ ही उसका अगला जन्म सियार, गिद्ध, सांप, गधा और कौंच योनि में हो सकता है.
- निर्दोष जीवों की हत्या करने को गरुड़ पुराण में महापाप की श्रेणी में रखा गया है. जो लोग पशु-पक्षियों की हत्या करते या उन्हें सताते हैं, ऐसे व्यक्ति की आत्मा को नरक में गरम तेल में डाला जाता है. साथ ही उसका जन्म चांडाल रूप में हो सकता है.
- बड़े-बुजुर्गों, असहाय लोगों, बच्चों-महिलाओं का अपमान करने वाले या शोषण करने वालों को नरक की आग में जलाया जाता है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार महिलाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले, गर्भपात करने या कराने वाले और अप्राकृतिक रूप से संबंध बनाने वालों को नरक में मल-मूत्र से भरे कुएं में डाला जाता है. साथ ही उनका अगला जन्म नपुंसक के रूप में होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)