Tyre Rotation: अधिकांश लोगों के पास कारों के टायर रोटेशन (Tyre Rotation) की जानकारी नहीं है. लोगों को इसके बारे में बहुत ज्यादा नहीं पता है और वह अनजाने में ही सही लेकिन टायर रोटेशन कराने को गंभीरता से नहीं लते हैं.
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Why Is Tyre Rotation Important: अधिकांश लोगों के पास कारों के टायर रोटेशन (Tyre Rotation) की जानकारी नहीं है. लोगों को इसके बारे में बहुत ज्यादा नहीं पता है और वह अनजाने में ही सही लेकिन टायर रोटेशन कराने को गंभीरता से नहीं लते हैं जबकि इसके बारे में जानना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि टायर रोटेशन आपकी सुरक्षा से भी जुड़ा मामला है.
दरअसल, टायर रोटेशन कराते रहने से सभी टायर बराबर घिसते हैं. वरना टायर्स बराबर नहीं घिसते हैं. आमतौर पर कार के आगे वाले टायर ज्यादा घिसते हैं और पीछे वाले टायर कम घिसते हैं. ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि कार में आगे ज्यादा वजन होता है. इंजन कारों में आगे की ओर रखा होता है, जिससे आगे वाले टायर हमेशा ज्यादा दबाव में रहते हैं, जिससे वह ज्यादा घिसते हैं.
लेकिन, टायर रोटेशन से टायर्स का बाराबर घिसना सुनिश्चित होता है. इससे टायर्स की उम्र बढ़ती है और कार के सभी टायर्स की ग्रिप भी लंबे समय तक अच्छी बनी रहती है, जिससे सेफ्टी में सुधार होता है. समान ग्रिप और स्टेबिलिटी वाले टायर्स अच्छी रोड होल्डिंग और ब्रेकिंग में मदद करते हैं, जिससे कार का कंट्रोल अच्छा रहता है और आपात स्थिति में कार बेहतर रिस्पॉन्स करती है.
इसके अलावा, टायर की उम्र बढ़ती है तो आपको नए टायर खरीदने की जरूरत भी देर में पड़ती है क्योंकि कार के पुराने टायर ही ज्यादा दूरी तक चलते हैं. इतना ही नहीं, टायर रोटेशन से बेहतर माइलेज में भी मदद मिलती है.
टायर रोटेशन के फायदे
टायर रोटेशन कब कराएं?
टायर रोटेशन में कार के आगे वाले टायर्स को पीछे कर दिया जाता है और पीछे वाले टायर्स को आगे लगा दिया जाता है. हर 8000 से 10000 किलोमीटर पर टायर रोटेशन करा लेना चाहिए, यह इसके लिए सही समय होता है.