What Is Flex Fuel: पिछले कुछ सालों में फ्लेक्स फ्यूल की काफी चर्चा रही है. फ्लेक्स फ्यूल को पेट्रोल या डीजल में इथेनॉल मिलाकर तैयार किया जाता है.
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How is Flex Fuel Made: आपने पिछले कुछ सालों में फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) का नाम काफी बार सुना होगा. लेकिन, आखिर Flex Fuel क्या होता है? पेट्रोल या डीजल में Ethenol मिलाकर, जो फयूल तैयार होता है, उसे Flex Fuel कहा जाता है. फिलहाल, Flex Fuel का इस्तेमाल हो रहा है. आपने E5, E10 या E20 पेट्रोल का नाम सुना होगा, वह फ्लेक्स फ्यूल ही हैं.
जब फ्यूल में 95 प्रतिशत पेट्रोल/डीजल और 5 प्रतिशत इथेनॉल हो तो उस Flex Fuel को E5 कहते हैं. इसी तरह 10 प्रतिशत इथेनॉल और 90 प्रतिशत पेट्रोल/डीजल तो उसे E10 कहते हैं. वहीं, E20 में 20 प्रतिशत और E85 में 85 प्रतिशत इथेनॉल होता है जबकि बाकी पेट्रोल या डीजल होता है. यानी, Ethenol की मात्रा ही Flex Fuel की कैटेगरी तय करती है.
इंजन पर असर?
अलग-अलग कैटेगरी के फ्लेक्स फ्यूल के लिए कार इंजन को योग्य बनाया जाता है. ऐसे में जिस फ्लेक्स फ्यूल (जैसे E5, E10, E20 आदि) को इस्तेमाल करने योग्य आपकी कार का इंजन होगा, उसके इस्तेमाल से इंजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
भारत में Ethenol Based Flex Fuel को लेकर काफी सालों से काम चल रहा है. अभी भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए 86 प्रतिशत पेट्रोल-डीजल आयात (कच्चे तेल के रूप में) करता है. इसी निर्भरता को कम करने के लिए Flex Fuel को बढ़ावा दिया जा रहा है.
भारत सरकार की योजना
भारत सरकार साल 2025-26 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिले हुए फ्लेक्स फ्यूल को पूरे देश में उपलब्ध करना चाहती है. इसी साल जुलाई में पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि अभी E20 Flex Fuel देश के 1,350 पेट्रोल पंप पर मिल रहा है.
किसानों को फायदा
फ्लेक्स फ्यूल के ज्यादा इस्तेमाल का मतलब ज्यादा इथेनॉल कंज्यूम होना है. इससे किसानों को भी फायदा होगा क्योंकि इथेनॉल बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाली चीजें खेतों और किसानों से जुड़ी हैं. इथेनॉल को गन्ने, चुकंदर, आलू, ज्वार, मक्का, चावल की भूसी, गेहूं की भूसी और भुट्टा आदि से बनाया जाता है, जो सभी किसानों के पास से आते हैं. जब इथेनॉल ज्यादा कंज्यूम होगा तो इन सभी की डिमांड बढ़ेगी, जिससे किसानों की आय भी बढ़ेगी.