Maruti S Presso: ग्लोबल एनसीएपी ने नए और अपग्रेडेड क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के तहत मारुति सुजुकी एस प्रेसो का क्रैश टेस्ट किया, जिसमें कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 1-स्टार सेफ्टी रेटिंग और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 0-स्टार सेफ्टी रेटिंग दी गई है.
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Maruti S Presso Safety Rating: ग्लोबल एनसीएपी ने नए और अपग्रेडेड क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के तहत मारुति सुजुकी एस प्रेसो का क्रैश टेस्ट किया, जिसमें कार को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 1-स्टार सेफ्टी रेटिंग और चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में 0-स्टार सेफ्टी रेटिंग दी गई है. यानी, बहुत ही आसान शब्दों में कहें तो इसके अनुसार, कार में एडल्ट यात्रियों के लिए थोड़ी-बहुत प्रोटेक्शन जरूर मिलती है लेकिन बच्चों के लिए प्रोटेक्शन न के बराबर है. इससे पहले 2020 में भारत-स्पेक एस प्रेसो को पुराने प्रोटोकॉल के तहत 0 स्टार रेटिंग दी गई थी.
मारुति सुजुकी एस प्रेसो को एडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में कुल 34 में से 20.03 अंक मिले, इसके साथ ही इसे 1-स्टार रेटिंग दी गई. इसमें फ्रंटल ऑफ-सेट इम्पैक्ट के 17 में से 8.19 अंक और साइड डिफॉर्मेबल क्रैश टेस्ट के 17 में से 11.9 अंक शामिल हैं. GNCAP की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट में कार चालक और यात्री के सिर को 'अच्छी' सेफ्टी मिली लेकिन चालक की छाती के लिए खराब सेफ्टी थी. एस-प्रेसो के साइड क्रैश टेस्ट में ड्राइवर के सिर और छाती के लिए मामूली सेफ्टी दिखी.
चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन में कुल 49 में से मारुति एस प्रेसो को सिर्फ 3.52 अंक दिए गए हैं, इसका मुख्य कारण बच्चे और बूस्टर सीटों के लिए ISOFIX एंकरेज पॉइंट की पेशकश नहीं करना है. टेस्ट के लिए तीन साल के बच्चे की डमी का इस्तेमाल किया गया, इसके लिए फ्रंट फेसिंग चाइल्ड सीट लगाई गई, जिसे एडल्ट सीटबेल्ट से प्रोटेक्शन दी गई थी लेकिन ऐसा पाया गया कि इससे बच्चे के सिर की आगे की ओर मूवमेंट को रोका नहीं जा सका. वहीं, 18 महीने की डमी वाली रियर फेसिंग चाइल्ड सीट, फ्रंटल इम्पैक्ट में सिर के जोखिम को कम करने में सफल रही.
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