Best Export SUV: किआ इंडिया विश्वभर में 95 से ज्यादा देशों में अपनी कारें निर्यात करती है और पिछले चार सालों में लगभग 2 लाख गाड़ियां एक्सपोर्ट कर चुकी है. कंपनी के लिए सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होने वाली कार किआ सेल्टोस रही है. अकेले सेल्टोस की बात करें तो इसकी 1,35,885 यूनिट्स को विदेशों में भेजा गया है.
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Kia Seltos Export Sales: किआ इंडिया विश्वभर में 95 से ज्यादा देशों में अपनी कारें निर्यात करती है और पिछले चार सालों में लगभग 2 लाख गाड़ियां एक्सपोर्ट कर चुकी है. कंपनी के लिए सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट होने वाली कार किआ सेल्टोस रही है. अकेले सेल्टोस की बात करें तो इसकी 1,35,885 यूनिट्स को विदेशों में भेजा गया है. इसी तरह, किआ अपनी मिड साइज एसयूवी सेल्टोस के साथ-साथ सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट सोनेट, बजट 7 सीटर एमपीवी कारेंस और लग्जरी एमपीवी कार्निवल को भी भारतीय मार्केट से एक्सपोर्ट करती है.
कंपनी की बेस्ट सेलिंग कार
किआ इंडिया ने हाल ही में घोषणा की है कि अनंतपुर, आंध्र प्रदेश में बनाई गई मैन्यूफैक्चरिंग फैसिलिटी से अब तक दुनियाभर में 2 लाख से ज़्यादा कारें निर्यात की गई हैं. इनमें सबसे बड़ा योगदान किआ सेल्टोस का रहा है. किआ भारत में बनी कारें 95 देशों में जा पहुंचती हैं. सेल्टोस भारत में बिकने वाली मिड-साइज एसयूवी में दूसरे स्थान पर है. इसे कंपनी की टॉप सेलिंग एसयूवी भी बनाया गया है. सेल्टोस के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात में 68% और घरेलू बिक्री में 53% का योगदान है.
किआ सेल्टोस की बात करें तो भारतीय बाजार में इसकी कीमत करीब ₹1100000 से शुरू होती है. यह 7 मोनोटोन और 3 डुएल टोन ऑप्शन के साथ कुल 10 कलर्स में उपलब्ध है यह दो इंजन ऑप्शन में आती है, पहला इंजन 1.5 लीटर का पेट्रोल इंजन और दूसरा 1.5 लीटर का डीजल इंजन है.
किआ के अन्य निर्यात आँकड़ों में, सोनेट और किआ कारेंस दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं, जिनकी क्रमशः 54,406 यूनिट और 8,230 यूनिट की बिक्री हुई है. कंपनी ने पिछले साल की तुलना में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 22% की निर्यात वृद्धि दर्ज की है. वहीं, कंपनी ने वित्त वर्ष 2022-23 में 44% सेल्स ग्रोथ हासिल की है. किआ इंडिया के चीफ सेल्स एंड बिजनेस ऑफिसर, मायुंग-सिक सोहन का कहना है कि भारत एक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में वैश्विक स्तर पर एसयूवी की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए तैयार है. किआ इंडिया को मध्य पूर्व, अफ्रीका, मैक्सिको, मध्य और दक्षिण अमेरिका, एशिया पैसिफिक रीजन जैसे विदेशी बाजारों में सोनेट और कारेन्स की मांग में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है.